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Lok Sabha Chunav 2024: कांग्रेस के चुनावी वादे पूरे करने पर सरकार पर कितना बढ़ सकता है वित्तीय बोझ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पिछले कुछ सालों में फिस्कल डेफिसिट कम करने पर फोकस बढ़ाया है। इसके लिए सरकार नए खर्च करने में सावधानी बरत रही है। सरकार का मकसद बाजार से कम से कम कर्ज लेना है

MoneyControl Newsअपडेटेड May 23, 2024 पर 1:13 PM
Lok Sabha Chunav 2024: कांग्रेस के चुनावी वादे पूरे करने पर सरकार पर कितना बढ़ सकता है वित्तीय बोझ?
कांग्रेस ने महिलाओं के लिए कैश ट्रांसफर स्कीम शुरू करने का ऐलान किया है। रोजगार बढ़ाने के लिए नई एप्रेंटिशशिप स्कीम का ऐलान किया है।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 13 मई को कांग्रेस से पूछा था कि उसने अपने घोषणापत्र में जो वादे किए हैं क्या उस पर आने वाले खर्च का कैलकुलेशन किया है? उन्होंने यह भी पूछा था कि क्या वह इसके लिए कर्ज लेगी या टैक्स से ज्यादा पैसे जुटाएगी? कांग्रेस का घोषणापत्र आम आदमी की दो बुनियादी जरूरतों को पूरा करता दिख रहा है- बेरोजगारी और कम कंजम्प्शन। कांग्रेस ने महिलाओं के लिए कैश ट्रांसफर स्कीम शुरू करने का ऐलान किया है। रोजगार बढ़ाने के लिए नई एप्रेंटिशशिप स्कीम का ऐलान किया है। सवाल यह है कि पार्टी ने जो वादे किए हैं उसके लिए पैसे कहां से आएंगे?

फिस्कल डेफिसिट पर असर

एक इनकोनॉमिस्ट ने बताया कि कांग्रेस ने जो वादे किए हैं उससे फिस्कल डेफिसिट FY25 के तय टारगेट के मुकाबले 1.5-2 फीसदी बढ़ सकता है। इसका मतलब है कि अगर केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनती है तो फिस्कल डेफिसिट बढ़कर 7.1 फीसदी तक पहुच जाएगा। केंद्र की एनडीए सरकार फिस्कल डेफिसिट को लेकर सख्त रही है। वह FY24 में फिस्कल डेफिसिट घटाकर 5.8 फीसदी पर ले आई है। इस वित्त वर्ष में इसमें और 0.70 फीसदी कमी करने का टारगेट रखा है। सरकार ने मीडियम टर्म यानी वित्त वर्ष 2025-26 तक फिस्कल डेफिसिट को घटाकर 4.5 फीसदी तक लाने का लक्ष्य तय किया है।

कंजम्प्शन बढ़ाने पर फोकस

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