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Adani Group का ग्रीन प्लान, 2027 तक मुंबई को होगी रिन्यूएबल सोर्स से बिजली की सप्लाई

अदाणी ग्रुप ने वर्ष 2030 तक ग्रीन एनर्जी में 7 हजार करोड़ डॉलर के निवेश की योजना तैयार की है जिसमें अदाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई भी एक अहम इकाई है। अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की रिपोर्ट के झटके से अदाणी ग्रुप की कई योजनाओं को भी झटका लगा था। हालांकि ग्रीन एनर्जी ग्रुप के कोर फोकस एरिया में बना हुआ है

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Apr 13, 2023 पर 12:46 PM
Adani Group का ग्रीन प्लान, 2027 तक मुंबई को होगी रिन्यूएबल सोर्स से बिजली की सप्लाई
Adani Group ने वर्ष 2030 तक ग्रीन एनर्जी में 7 हजार करोड़ डॉलर के निवेश की योजना तैयार की है जिसमें Adani Electricity Mumbai भी एक अहम इकाई है। अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की रिपोर्ट के झटके से अदाणी ग्रुप की कई योजनाओं को भी झटका लगा था। हालांकि ग्रीन एनर्जी ग्रुप के कोर फोकस एरिया में बना हुआ है।

अदाणी ट्रांसमिशन (Adani Transmission) की सब्सिडियरी अदानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई (Adani Electricity Mumbai) तेजी से ग्रीन एनर्जी की तरफ बढ़ रही है। कंपनी के मुताबिक अगले चार साल यानी वर्ष 2027 तक इसे 70 फीसदी बिजली रिन्यूएबल सोर्स से प्राप्त होगी। अभी की स्थिति की बात करें तो 31 मार्च तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक अदाणी इलेक्ट्रिसिची के पावर प्रोक्यूरमेंट यानी जितनी बिजली इसे मिलती है, उसका 30 फीसदी रिन्यूएबल सोर्स से आता है। इसमें दो साल में करीब 10 गुना का उछाल आया है। कंपनी ने बुधवार को स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में इसकी जानकारी दी है। यह अदाणी ग्रुप की ग्रीन एनर्जी को लेकर प्रतिबद्धता की तरफ एक और बड़ा कदम है।

महाराष्ट्र नियामक से पहले ही मिल चुकी है बड़ी राहत

अदाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई तेजी से ग्रीन एनर्जी की तरफ बढ़ रही है। वहीं इसके पहले महाराष्ट्र के पावर रेगुलेटर से इस मार्च महीने के आखिरी में बड़ी राहत मिल चुकी है। रेगुलेटर ने कंपनी को चालू वित्त वर्ष 2023-24 में टैरिफ 2.2 फीसदी बढ़ाने की मंजूरी दे दी है और अगले वित्त वर्ष में 2.1 फीसदी की बढ़ोतरी की मंजूरी दी है। पावर कंपनियां आमतौर पर रेगुलेटर से मंजूर किए गए टैरिफ पर ही यूजर को चार्ज करती हैं लेकिन इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई की लागत कभी-कभी इससे अधिक होती है। ऐसे में कंपनी की सेहत पर इसका असर पड़ता है।

अब यहां अडानी इलेक्ट्रिसिटी को कम टैरिफ के चलते पिछले तीन वित्त वर्ष में जो घाटा हुआ, उसे हाई टैरिफ के जरिए हासिल करने की मंजूरी मिली है लेकिन कंपनी ने यह खुलासा नहीं किया है कि इसमें कितना समय लगेगा। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक टैरिफ बढ़ाने पर अदाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई रेवेन्यू में गिरावट की काफी हद तक भरपाई कर सकती हैं और अगले दो साल में कंपनी 1570 करोड़ रुपये हासिल कर सकती है।

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