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Adani Group ने बना दिया अच्छा माहौल, अमेरिकी एसेट मैनेजर PineBridge धड़ाधड़ खरीद रही भारतीय शेयर

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से सिर्फ Adani Group के शेयरों को ही नहीं बल्कि पूरे भारतीय स्टॉक मार्केट को झटका लगा है। हालांकि अमेरिकी एसेट मैनेजर पाइनब्रिज इसे खरीदारी के मौके के तौर पर देख रही है। खास बात ये है कि इसके फंड में पहले भारतीय स्टॉक्स नहीं थे। जानिए फिर क्यों अमेरिकी एसेट मैनेजर भारतीय स्टॉक्स को लेकर बुलिश है-

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Feb 24, 2023 पर 11:04 AM
Adani Group ने बना दिया अच्छा माहौल, अमेरिकी एसेट मैनेजर PineBridge धड़ाधड़ खरीद रही भारतीय शेयर
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के चलते अदाणी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आ गई। केली इसे खरीदारी के शानदार मौके के रूप में देख रहे हैं। दिलचस्प बात ये है कि अदाणी ग्रुप के शेयरों में मौजूदा गिरावट से पहले पाइन ब्रिज के फंड्स में भारतीय शेयर नहीं थे लेकिन अब इनकी खरीदारी शुरू कर दी है।

अदाणी ग्रुप के शेयरो (Adani Group Stocks) में बिकवाली के दबाव का असर पूरे स्टॉक मार्केट पर पड़ा है। इसे अमेरिकी एसेट मैनेजर PineBridge Investments निवेश के लिए सुनहरे मौके के तौर पर देख रही है। अमेरिकी एसेट मैनेजर अपने मल्टी-एसेट पोर्टफोलियो के लिए भारतीय शेयरों की जमकर खरीदारी कर रही है। पाइनब्रिज के मुताबिक अदाणी ग्रुप पर अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने जो आरोप लगाए हैं, उसका ग्रोथ और मैनुफैक्चरिंग पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी को अपनी रिपोर्ट में अदाणी ग्रुप की कंपनियों पर स्टॉक मैनिपुलेशन और अकाउंटिंग फ्रॉड का आरोप लगाया है।

अदाणी ग्रुप ने इन आरोपों से इनकार किया है लेकिन निवेशकों की घबराहट बढ़ी और बिकवाली शुरू हो गई। वहीं अमेरिकी एसेट मैनेजर के 1780 करोड़ डॉलर के वैश्विक मल्टी-एसेट पोर्टफोलियो की देखरेख करने वाले माइकल केली उन लोगों में शुमार है जो मौजूदा स्थिति को खरीदारी के मौके के रूप में देख रहे हैं।

Adani Stocks में गिरावट से पहले नहीं खरीदे थे भारतीय स्टॉक्स

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के चलते अदाणी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आ गई। केली इसे खरीदारी के शानदार मौके के रूप में देख रहे हैं। दिलचस्प बात ये है कि अदाणी ग्रुप के शेयरों में मौजूदा गिरावट से पहले पाइन ब्रिज के फंड्स में भारतीय शेयर नहीं थे लेकिन अब इनकी खरीदारी शुरू कर दी है। हालांकि उनका यह भी कहना कि भारतीय मार्केट में अभी और झटके लग सकते हैं कि कॉरपोरेट गवर्नेंस की जांच बढ़ गई है।

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