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Brightcom Group ने शेयरों के प्रिफरेंशियल एलॉटमेंट में किया फर्जीवाड़ा, SEBI की जांच से सच आया सामने

BGL ने न सिर्फ अकाउंटिंग में फ्रॉड में किया है बल्कि एक अलग जांच से पता चला है कि इसने शेयरों के प्रिफरेंशियल एलॉटमेंट के मामले में बैंक अकाउंट स्टेटमेंट में भी हेराफेरी की है। अपने हालिया आदेश में सेबी ने बताया है कि BGL ने उन कंपनियों को प्रिफरेंशियल शेयर जारी कर पैसे जुटाए, जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से उससे जुड़ी थीं

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 24, 2023 पर 11:27 AM
Brightcom Group ने शेयरों के प्रिफरेंशियल एलॉटमेंट में किया फर्जीवाड़ा, SEBI की जांच से सच आया सामने
SEBI ने संभवत: पहली बार एक ही कंपनी पर दो बार कार्रवाई की है। इस कंपनी का नाम Brightcom Group (BGL) है। सेबी ने 22 अगस्त को एक ऑर्डर में कहा है कि मैनिपुलेशन के स्तर को देखते हुए ऐसा किया गया है।

SEBI ने संभवत: पहली बार एक ही कंपनी पर दो बार कार्रवाई की है। इस कंपनी का नाम Brightcom Group (BGL) है। सेबी ने 22 अगस्त को एक ऑर्डर में कहा है कि मैनिपुलेशन के स्तर को देखते हुए ऐसा किया गया है। मार्केट रेगुलेटर की इस कार्रवाई की वजह यह है कि इस कंपनी ने न सिर्फ अकाउंटिंग में फ्रॉड किया है बल्कि एक अलग जांच से पता चला है कि इसने शेयरों के प्रिफरेंशियल एलॉटमेंट के मामले में बैंक अकाउंट स्टेटमेंट में भी हेराफेरी की है। अपने हालिया आदेश में सेबी ने बताया है कि BGL ने उन कंपनियों को प्रिफरेंशियल शेयर जारी कर पैसे जुटाए, जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से उससे जुड़ी थीं।

घोटाले के लिए निकाला तरीका

सेबी ने बीजीएल के फर्जीवाड़े के बारे में बताते हुए कहा है कि कंपनी ने फाइनेंशियल ईयर 2020-21 और 2021-22 में चार बार प्रिफरेंशियल शेयर्स/वारंट्स जारी किए। कुल 82 एलॉटमेंट्स से उसने 867.78 करोड़ रुपये जुटाए। 22 कंपनियों को 245.24 करोड़ रुपये के 25.76 करोड़ शेयर जारी किए गए, जिससे कंपनी को सिर्फ 52.51 करोड़ रुपये मिले। बाकी 192.73 करोड़ रुपये कंपनी को नहीं मिले या इसे दोबारा कई तरह के ट्रांजेक्शंस के जरिए उन कंपनियों को वापस भेज दिया गया। इसमें सब्सिडियरी कंपनियां और मध्यस्थ (Conduits) शामिल थे।

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