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Brokerage Radar: जेफरीज ने रिलायंस को दी खरीदने की सलाह, HSBC ने इन 3 रियल एस्टेट शेयरों पर लगाया दांव

Brokerage Radar: ब्रोकरेज फर्मों ने आज 26 नवंबर को कारोबार शुरू होने से पहले कई कंपनियों और सेक्टर को लेकर अपनी राय जाहिर की है। इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज के अलावा माइक्रोफाइनेंस, रियल एस्टेट और कंज्यूमर स्टेपल्स सेक्टर आदि शामिल हैं। ब्रोकरेज ने कई सेक्टर में अपनी पसंदीदा स्टॉक्स के नाम भी बताए हैं। इन रिपोर्ट के चलते आज के कारोबार के दौरान ये शेयर और सेक्टर पसंदीदा बने हुए हैं

Moneycontrol Newsअपडेटेड Nov 26, 2024 पर 10:11 AM
Brokerage Radar: जेफरीज ने रिलायंस को दी खरीदने की सलाह, HSBC ने इन 3 रियल एस्टेट शेयरों पर लगाया दांव
Brokerage Radar: जेफरीज ने RIL के शेयर को 1,700 रुपये के टारगेट के साथ खरीदने की सलाह दी है

Brokerage Radar: ब्रोकरेज फर्मों ने आज 26 नवंबर को कारोबार शुरू होने से पहले कई कंपनियों और सेक्टर को लेकर अपनी राय जाहिर की है। इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज के अलावा माइक्रोफाइनेंस, रियल एस्टेट और कंज्यूमर स्टेपल्स सेक्टर आदि शामिल हैं। ब्रोकरेज ने कई सेक्टर में अपनी पसंदीदा स्टॉक्स के नाम भी बताए हैं। इन रिपोर्ट के चलते आज के कारोबार के दौरान ये शेयर और सेक्टर पसंदीदा बने हुए हैं। आइए जानते हैं कि ब्रोकरेज ने इन स्टॉक्स और सेक्टर को लेकर क्या राय दी है-

1. रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) पर जेफरीज की राय

ब्रोकरेज ने इस शेयर को 1,700 रुपये के टारगेट के साथ खरीदने की सलाह दी है। ब्रोकरेज ने कहा कि 2025 में सिंगापुर ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन में सालाना आधार पर सुधार की उम्मीद है। सिंगापुर GRM के बेहतर होने की उम्मीद इसलिए है क्योंकि 1 एमबीपीडी की क्लोजर की घोषणा की गई है, जिससे कंपनी को मुनाफे बढ़ाने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा होम ब्रॉडबैंड सब्सक्रिप्शन एडिशन में जियो का मजबूत ट्रैक्शन इसे 5G मॉनेटाइजेशन के लिए अच्छी स्थिति में रखता है। 2025 में जियो की लिस्टिंग की संभावना दिख रही है। अक्टूबर में रिलायंस रिटेल का प्रदर्शन मजबूत रहा, लेकिन स्थायी सुधार में 2 तिमाही लग सकती है।

2. माइक्रोफाइनेंस इंडस्ट्रीज (MFI) पर HSBC की राय

माइक्रोफाइनेंस इंडस्ट्रीज (MFI) लोन पर नई लिमिट्स से एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) ग्रोथ में कमी आ सकती है। लोन पर नई लिमिट्स से क्रेडिट लागत बढ़ने की संभावना, खासकर निकट भविष्य में। उम्मीद है कि तीसरी तिमाही के दौरान सेक्टर में कुछ स्पष्टता देखने को मिलेगी। बैंकों के स्वामित्व वाले MFI लेंडर्स यहां बेहतर स्थिति में होंगे

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