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 Equity markets : मिड और स्मॉलकैप शेयरों की लगातार 6 महीने की तेजी थमी, अब क्या हो इनमें निवेश रणनीति?

Equity markets : कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के मुताबिक पिछले हफ्ते मिड और स्मॉल-कैप शेयरों में काफी गिरावट देखने को मिली। लेकिन पिछले छह महीनों में इन शेयरों में आई जोरदार तेजी के बाद आई ये गिरावट तुलनात्मक रूप से काफी कम है। कोटक ने आगे कहा कि कमजोर बिजनेस मॉडल और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण अब मिड और स्मॉलकैप में ज्यादा दम नहीं दिख रहा है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 30, 2023 पर 12:27 PM
 Equity markets : मिड और स्मॉलकैप शेयरों की लगातार 6 महीने की तेजी थमी, अब क्या हो इनमें निवेश रणनीति?
Equity markets : अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और कच्चे तेल में हुई बढ़ोतरी के बाद भारतीय शेयर बाजारों को कमजोरी का सामना करना पड़ा है। इज़राइल-हमास के बीच बढ़ते संघर्ष के चलते निवेशक और ट्रेडर जोखिम लेने से बच रहे हैं

Equity markets : बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स लगातार छह महीने की बढ़त के बाद पहली मंथली गिरावट की ओर बढ़ते दिख रहे हैं। बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 27 अक्टूबर तक 3.8 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल रही थी। यह इंडेक्स जून 2022 के बाद की सबसे तेज मासिक गिरावट दर्ज करने के राह पर है। इस अवधि में बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स भी 1.8 फीसदी से ज्यादा गिर है। ये फरवरी 2023 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट होगी। पिछली बार मार्च 2023 में दोनों इंडेक्स निगेटिव बंद हुए थे।

बाजार जानकारों का कहना है कि छोटे-मझोले शेयर अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन अक्टूबर में ये निफ्टी इंडेक्स से पिछड़ गए हैं। जब तक कंपनियों नतीजे वास्तव में अच्छे नहीं होते, तब तक यह ट्रेंड जारी रह सकती है। ऐसा लगता है कि महंगा वैल्यूएशन छोटे-मझोले शेयरों पर निगेटिव असर डाल रहा है। बताते चलें कि 1 अप्रैल से 27 अक्टूबर तक बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप दोनों इंडेक्सों में 30 फीसदी और 36 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिली है। वहीं, 1 अप्रैल से 27 अक्टूबर तक बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी इंडेक्स में 9 फीसदी और 10 फीसकी की तेजी आई है।

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के मुताबिक पिछले हफ्ते मिड और स्मॉल-कैप शेयरों में काफी गिरावट देखने को मिली। लेकिन पिछले छह महीनों में इन शेयरों में आई जोरदार तेजी के बाद आई ये गिरावट तुलनात्मक रूप से काफी कम है। कोटक ने आगे कहा कि कमजोर बिजनेस मॉडल और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण अब मिड और स्मॉलकैप में ज्यादा दम नहीं दिख रहा है। इसके अलावा पिछले 9-12 में इनमें काफी ज्यादा तेजी आ चुकी है। जिसके चलते कवरेज में शामिल अधिकांश मिड- और स्मॉल-कैप शेयरों में शेयरों में कोई वैल्यू नहीं दिख रही है।

कोटक ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में कहा है कि अधिकांश मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों का वैल्यूएशन काफी ज्यादा नजर आ रहा है। इनकी तुलना में लार्ज-कैप स्टॉक का वैल्यूशन अच्छा है। इनका रिस्क-रिवॉर्ड रेशियो मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों से ज्यादा अच्छा दिख रहा है।

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