Capital Expenditure : IT, ऑटोमोबाइल, मेटल या फिर फार्मा,किसी भी सेक्टर की बात कर लीजिए, आप पाएंगे कि हर सेक्टर की कंपनियां ढेरों कैश पर बैठी हैं फिर भी कैपेक्स में सुस्ती है। ऐसी हालात क्यों बनी हुई है,यह सोचने का विषय है। 3,611 लिस्टेड कंपनियों के वित्त वर्ष 2025 तक के कैश आंकड़ों पर नजर डालें तो इनके पास कुल 10 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कैश था। इनके कैश पाइल में सालाना आधार पर 15 फीसदी का उछाल देखने को मिला है। कंपनियों के पास कैश की भरमार है। फिर भी हमें कैपेक्स का इंतजार करना पड़ रहा है।
