एक तरफ अधिकतर ब्रोकरेजेज का मानना है कि दिसंबर तिमाही में कंपनियों के नतीजे अच्छे नहीं रहे तो दूसरी तरफ हॉन्गकॉन्ग की ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए का मानना है कि नतीजे उम्मीद से बेहतर रही। सीएलएसए जितनी कंपनियों को कवर करकी है, उसमें से करीब 30 फीसदी के नतीजे उम्मीद से बेहतर आए तो 46 फीसदी के नतीजे अंडरपरफॉर्म रहे यानी उम्मीद से कमजोर रहे। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि लगातार नौ तिमाही की गिरावट के बाद प्रॉफिट बिफोर टैक्स (PBT) अर्बन प्लेयर्स के लिए पॉजिटिव हो गई और रूरल प्लेयर्स के लिए उम्मीद से बेहतर रही।