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Election impact on market: चुनाव के दोनों चरणों में बाजार में गिरावट, क्या होनी चाहिए आपकी रणनीत?

कम वोटिंग परसेंटेज को लेकर लोगों में दुविधा की स्थिति है। क्योंकि अब तक के दोनों वोटिंग वाले दिनों में ही बाजार में गिरावट देखने को मिली है। ऐसा लग रहा है कि बीजेपी को बहुमत को लेकर दिक्कत नहीं है लेकिन 400 के पार का दबाव है। इन दो दिनों की गिरावट में आपने अगर खरीदारी की होती तो अच्छा पैसा बना होता

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 29, 2024 पर 12:36 PM
Election impact on market: चुनाव के दोनों चरणों में बाजार में गिरावट, क्या होनी चाहिए आपकी रणनीत?
प्राइम मिनिस्टर की बॉडी लैंग्वेज से कहीं से ऐसा नहीं लग रहा है कि उनमें कोई हताशा है। प्राइम मिनिस्टर की बॉडी लैंग्वेज काफी भरोसे वाली है

सीएनबीसी-आवाज़ के मैनेजिंग एडिटर अनुज सिंघल का कहना है कि यहां से बाजार के लिए अगला बड़ा क्यू जो आएगा वह है अप्रैल महीने के ऑटो बिक्री आंकड़े। ये आंकड़े 1 मई के आएंगे। हालांकि 1 मई को बाजार बंद है। ऐसे में इन आंकड़ों पर होने वाला रिएक्शन 2 मई को देखने को मिलेगा। ऑटो सेल्स के आंकड़े इकोनॉमी की हेल्थ के सबसे बड़े बैरो मीटर होते हैं। ऐसे में बाजार इन पर रिएक्ट करता है।

बाजार में इस समय चुनावों को लेकर कंफ्यूजन

लेकिन बाजार में इस समय चुनावों को लेकर कंफ्यूजन जैसा दिख रहा है। कम वोटिंग परसेंटेज को लेकर लोगों में दुविधा की स्थिति है। क्योंकि अब तक के दोनों वोटिंग वाले दिनों में ही बाजार में गिरावट देखने को मिली है। ऐसा लग रहा है कि बाजार में इस तरह का माहौल बनाया जा रहा कि चुनावों को लेकर बीजेपी के कैंप में पेनिक है। क्योंकि चुनाव के दोनों चरणों में बाजार में गिरावट रही है।

अनुज की राय है कि अक्सर यह माना जाता है कि वोटिंग परसेंट ज्यादा होना इस बात का संकेत होता है कि जनता वर्तमान सरकार को हटाना चाहती है। यूपी के चुनावों में भी एक बार ऐसा हुआ था जब लोग ये कह रहे थे की पीएम की स्पीच में हताशा दिख रही है। लेकिन बीजेपी ने वहां अच्छा प्रदर्शन किया था। इस बार भी ऐसा लग रहा है कि बीजेपी को बहुमत को लेकर दिक्कत नहीं है लेकिन 400 के पार का दबाव है। इन दो दिनों की गिरावट में आपने अगर खरीदारी की होती तो अच्छा पैसा बना होता।

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