सीएनबीसी-आवाज़ को सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार सिगरेट बनाने वाली कंपनियों के लिए एफडीआई प्रतिबंधों का दायरा बढ़ाने पर विचार कर रही है। इसके अलावा तंबाकू प्रोडक्ट्स के लिए होने वाले किसी टेक्नोलॉजी गठजोड़ में भी विदेशी निवेश को प्रतिबंधित किया जा सकता है। अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है, तो तंबाकू उत्पादों की किसी भी फ्रेंचाइजी, ट्रेडमार्क और तंबाकू और सिगार जैसे किसी भी दूसरे प्रोडक्ट की ब्रांडिंग में जल्द ही एफडीआई प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। अभी, सरकारी नियमों के तहत तंबाकू उत्पादों के प्रोडक्शन में किसी भी एफडीआई की अनुमति नहीं है।
