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FPI की भारतीय बाजारों में और बढ़ी दिलचस्पी, जुलाई में अब तक शेयरों में लगाए ₹30772 करोड़

FPI's Investment in Equities: राजनीतिक स्थिरता और बाजारों में तेज उछाल के कारण जून में FPI ने शेयरों में 26,565 करोड़ रुपये का निवेश किया था। एक्सपर्ट्स का मानना है कि आगे चलकर अगर डॉलर और बॉन्ड यील्ड में नरमी का हालिया रुख जारी रहता है, तो FPI की ओर से भारतीय बाजार में खरीद जारी रहेगी। जुलाई महीने में अब तक FPI ने बॉन्ड बाजार में 13,573 करोड़ रुपये का निवेश किया है

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Jul 21, 2024 पर 1:22 PM
FPI की भारतीय बाजारों में और बढ़ी दिलचस्पी, जुलाई में अब तक शेयरों में लगाए ₹30772 करोड़
घरेलू और विदेशी निवेशक 23 जुलाई को पेश होने वाले बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स में संभावित बदलावों पर उत्सुकता से नजर रख रहे हैं।

नीतिगत सुधार जारी रहने की उम्मीद, सतत आर्थिक वृद्धि और कंपनियों के तिमाही नतीजे बेहतर रहने की वजह से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की ओर से निवेश जारी है। उन्होंने जुलाई महीने में अब तक भारतीय शेयर बाजारों में 30,772 करोड़ रुपये डाले हैं। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मॉर्निंगस्टार इनवेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर-मैनेजर (रिसर्च) हिमांशु श्रीवास्तव का कहना है कि बजट 2024 से सुधारों के आगे बढ़ने की उम्मीद से निवेशकों की धारणा मजबूत हुई है।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी के विजयकुमार के मुताबिक, आगे चलकर अगर डॉलर और बॉन्ड यील्ड में नरमी का हालिया रुख जारी रहता है, तो FPI (Foreign Portfolio Investors) की ओर से भारतीय बाजार में खरीद जारी रहेगी। घरेलू और विदेशी निवेशक 23 जुलाई को पेश होने वाले बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स में संभावित बदलावों पर उत्सुकता से नजर रख रहे हैं।

जून में रहे थे बायर

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, FPI ने इस महीने 19 जुलाई तक शेयरों में शुद्ध रूप से 30,772 करोड़ रुपये डाले हैं। इससे पहले राजनीतिक स्थिरता और बाजारों में तेज उछाल के कारण जून में उन्होंने शेयरों में 26,565 करोड़ रुपये का निवेश किया था। FPI ने चुनावी नतीजों को लेकर असमंजस के बीच मई में शेयरों से 25,586 करोड़ रुपये निकाले थे। मॉरीशस के साथ भारत की कर संधि में बदलाव और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में वृद्धि की चिंता के बीच अप्रैल में उन्होंने 8,700 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की थी।

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