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REC, PFC और IREDA के लिए अच्छी खबर, अंडर कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग नियमों के लेकर RBI ने दी बड़ी राहत

ECL पर RBI का सरप्राइज फैसला आया है। अंडर कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग नियम टाल दिए गए हैं। प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग नियम फिलहाल लागू नहीं होंगे। ECL यानी Expected credit loss, इसके तहत अनुमानित घाटे की प्रोविजनिंग की जानी थी। LCR नियम के साथ साथ ECL को भी टाल दिया गया है

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 07, 2025 पर 4:04 PM
REC, PFC और IREDA के लिए अच्छी खबर, अंडर कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग नियमों के लेकर RBI ने दी बड़ी राहत
ECL प्रावधानों मेअंडर कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट के लिए गाइडलाइंस थी। ECL के तहत प्रोविजनिंग बढ़ाने का प्रस्ताव था। अनुमानित घाटे के लिए प्रोविजनिंग 0.4 फीसदी से बढ़ाकर 5 फासदी होना था

REC, PFC, IREDA के लिए अच्छी खबर है। अंडर कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग नियमों के लेकर RBI ने बड़ी राहत दी है। फिलहाल इन नियमों को टाल दिया गया है। ECL यानी अनुमानित क्रेडिट घाटा (Expected credit loss) की डॉफ्ट गाइडलाइनंस क्या थी और इसके टलने से किसको फायदा मिलेगा, आइए समझते हैं।

ECL पर RBI का सरप्राइज फैसला आया है। अंडर कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग नियम टाल दिए गए हैं। प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग नियम फिलहाल लागू नहीं होंगे। ECL यानी Expected credit loss, इसके तहत अनुमानित घाटे की प्रोविजनिंग की जानी थी। LCR नियम के साथ साथ ECL को भी टाल दिया गया है। अब ECL के प्रावधान 31 मार्च 2026 से पहले लागू नहीं होंगे।

ECL प्रावधानों से क्यों डरा था बाजार?

ECL प्रावधानों मेअंडर कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट के लिए गाइडलाइंस थी। ECL के तहत प्रोविजनिंग बढ़ाने का प्रस्ताव था। अनुमानित घाटे के लिए प्रोविजनिंग 0.4 फीसदी से बढ़ाकर 5 फासदी होना था। ड्रॉफ्ट गाइडलाइंस के बाद REC और PFC में भारी गिरावट आई थी। ECL केटलने से सबसे ज्यादा फायदा REC, PFC और IREDA को होगा। इससे अनिश्चितता दूर होगी। सेंटिमेंट सुधरेंगे। ज्यादा प्रोविजिनिंग नहीं करनी होगी। इंफ्रा और रिन्यूएबल प्रोजेक्ट के लिए कम प्रोविजिनिंग करनी होगी। कम प्रोविजनिंग मतलब अब ये कंपनियां ज्यादा लोन दे पाएंगी। आरबीआई के इस फैसले से PSU फाइनेंशियल शेयरों की री-रेटिंग संभव है।

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