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GST Cut on Insurance: जीएसटी खत्म होने से किन इंश्योरेंस कंपनियों को होगा सबसे ज्यादा फायदा?

सरकार ने इंडिविजुअल लाइफ और हेल्थ पॉलिसी पर जीएसटी पूरी तरह खत्म कर दी है। इससे पॉलिसीहोल्डर्स के लिए प्रीमियम घट जाएगा। नए ग्राहकों की दिलचस्पी भी हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसीज में बढ़ेगी। इससे इंश्योरेंस इंडस्ट्री की ग्रोथ तेज होगी

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Sep 04, 2025 पर 3:50 PM
GST Cut on Insurance: जीएसटी खत्म होने से किन इंश्योरेंस कंपनियों को होगा सबसे ज्यादा फायदा?
इंश्योरेंस कंपनियां जीएसटी में कमी का फायदा जल्द नई पॉलिसी खरीदने वाले ग्राहकों को देना शुरू कर देंगी।

जीएसटी 2.0 इसी महीने की 22 तारीख से लागू होने जा रहा है। जीएसटी का दूसरा चरण इंश्योरेंस सेक्टर खासकर लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस के ग्राहकों के लिए काफी फायदेमंद है। लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर टैक्स खत्म कर दिया गया है। अभी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के साथ इन पर 18 फीसदी टैक्स लगता है। सभी इंडिविजुअल लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसीज, इंडिविजुअल हेल्थ पॉलिसीज और रीइंश्योरेंस पर अब कोई टैक्स नहीं चुकाना होगा। इसका मतलब है कि यूलिप, टर्म प्लान और एन्डॉमेंट प्लान पर जीएसटी नहीं लगेगा। यह बदलाव 22 सितंबर से लागू होगा।

आईटीसी उपलब्ध नहीं होने से बढ़ सकती है कंपनियों की कॉस्ट

अभी इंश्योरेंस कंपनियां कई तरह के ऑपरेटिंग एक्सपेंसेज पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) क्लेम करती हैं। इनमें रीइंश्योरेंस, कमीशन, थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेशन (टीपीए) सर्विसेज और एंप्लॉयीज पर होने वाले खर्च आते हैं, जिन पर जीएसटी नहीं लगता है। इंश्योरेंस कंपनियों ने पहले सरकार से कहा था कि आईटीसी बेनेफिट के बगैर जीएसटी में आंशिक छूट देने से उनकी कॉस्ट घटने के बजाय बढ़ जाएगी। आईटीसी उपलब्ध नहीं होने से इंश्योरेंस कंपनियों की इनपुट कॉस्ट बढ़ जाएगी, जिससे प्रीमियम घटने के बजाय बढ़ सकता है।

नए पॉलिसीहोल्डर्स को जल्द मिल सकता है टैक्स में कमी का फायदा

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