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Happiest Mind Stock: नतीजों के बाद दबाव में स्टॉक, कंपनी मैनेजमेंट से जानें क्या है आगे का प्लान

Happiest Mind boardroom: आज सीएनबीसी-आवाज़ के साथ जुड़े हैप्पीएस्ट माइंड के MD & CFO वेंकटरमन नारायणन और एग्जीक्यूटिव बोर्ड मेंबर राजीव शाह। राजीव शाह ने कहा कि ग्लोबल माइक्रो स्थिति में अनिश्चितता बनी हुई है। कंपनी का जेनरेटिव AI और अधिग्रहण पर फोकस रहा है। वेंकटरमन नारायणन ने कहा कि ग्लोबल स्थिति में अभी सुधार नहीं हुआ है

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 13, 2024 पर 11:56 AM
Happiest Mind Stock: नतीजों के बाद दबाव में स्टॉक, कंपनी मैनेजमेंट से जानें क्या है आगे का प्लान
Happiest Mind Stock: स्टॉक 1 हफ्ते में 2.87 फीसदी टूटा है। वहीं, 1 महीने में इसमें 9.09 फीसदी और 1 साल में 16.58 फीसदी की कमजोरी आई है

HAPPIEST MIND share price : कंपनी के पहली तिमाही के नतीजों के बाद हैप्पीएस्ट माइंड के मैनेजमेंट ने सीएनबीसी-आवाज़ के साथ एक खास बातचीत की। बताते चलें की 30 जून 2024 को खत्म हुई तिमाही में कंपनी की आय में 11 फीसदी और EBITDA में करीब 2.5 फीसदी की ग्रोथ रही है। लेकिन मुनाफे में 41 फीसदी की गिरावट दिखी है। मार्जिन में भी दबाव रहा है। इस अवधि में कंपनी की आय तिमाही आधार पर 417 करोड़ रुपए से बढ़कर 464 करोड़ रुपए और मुनाफा 72 करोड़ से घटकर 51 करोड़ रुपए पर रहा है। वहीं, EBITDA 83 करोड़ रुपए से बढ़कर 85 करोड़ रुपए पर रहा है। जबकि MARGIN 19.9 फीसदी से घटकर 18.3 फीसदी पर रही है। PureSoft & Aureus के अधिग्रहण से आय को सपोर्ट मिला है।

नतीजों और ग्रोथ आउटलुक पर बात करने के लिए आज सीएनबीसी-आवाज़ के साथ जुड़े हैप्पीएस्ट माइंड के MD & CFO वेंकटरमन नारायणन और एग्जीक्यूटिव बोर्ड मेंबर राजीव शाह।

वेंकटरमन नारायणन ने इस बातचीत में कहा कि ग्लोबल स्थिति में अभी सुधार नहीं हुआ है। दूसरी तिमाही के अंत तक स्थिति में सुधार की उम्मीद है। PureSoft & Aureus अधिग्रहण से पहली तिमाही में कंपनी की आय को सपोर्ट मिला है। वित्त वर्ष 2025 में कंपनी की बेहतर ग्रोथ की उम्मीद है। अधिग्रहण का नतीजों में 2-3 तिमाही बाद असर देखने को मिलता है। कंपनी ने PureSoftware और Macmillan का अधिग्रहण किया है। अधिग्रहण के बावजूद EBITDA ग्रोथ अच्छी रही है। वित्त वर्ष 2025 में मार्जिन 20 फीसदी से बढ़कर 22 रहने की उम्मीद है।

राजीव शाह ने कहा कि ग्लोबल माइक्रो स्थिति में अनिश्चितता बनी हुई है। कंपनी का जेनरेटिव AI और अधिग्रहण पर फोकस रहा है। पिछले तिमाही में 2 नए अधिग्रहण किए गए हैं। सिक्योरिटी और प्रोडक्ट इंजीनियरिंग पर भी फोकस बढ़ा है। जेनरेटिव AI सेगमेंट अनुमान के मुताबिक रहा है। नए अधिग्रहण से हेल्थकेयर में अच्छी पकड़ बढ़ेगी। फाइनेंशियल और शिक्षा के क्षेत्र में पकड़ मजबूत होगी।

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