Get App

रिकॉर्ड हाई से 50% तक सस्ता हुए इंडस्ट्रियल शेयर, जेफरीज ने इन 4 स्टॉक पर दी दांव लगाने की सलाह

Stocks to Buy: शेयर बाजार में लगातार गिरावट जारी है। लेकिन क्या आपको पता है कि इस गिरावट में इंडस्ट्रियल सेक्टर के कई दिग्गज शेयर अपने रिकॉर्ड हाई से 50% तक गिर चुके हैं? क्या इतनी गिरावट के बाद अब इन शेयरों में खरीदारी का मौका आ गया है? ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म जेफरीज का मानना है कि निवेशकों को इस समय कुछ चुनिंदा स्टॉक्स पर ध्यान देना चाहिए

Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Feb 20, 2025 पर 6:55 PM
रिकॉर्ड हाई से 50% तक सस्ता हुए इंडस्ट्रियल शेयर, जेफरीज ने इन 4 स्टॉक पर दी दांव लगाने की सलाह
Industrial stocks: कई कंपनियों के शेयर अपने ऑलटाइम हाई के लेवल से करीब 15% से 45% तक टूट चुके हैं

Industrial Stocks: शेयर बाजार में लगातार गिरावट जारी है। लेकिन क्या आपको पता है कि इस गिरावट में इंडस्ट्रियल सेक्टर के कई दिग्गज शेयर अपने रिकॉर्ड हाई से 50% तक गिर चुके हैं? क्या इतनी गिरावट के बाद अब इन शेयरों में खरीदारी का मौका आ गया है? ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म जेफरीज का मानना है कि निवेशकों को इस समय कुछ चुनिंदा स्टॉक्स पर ध्यान देना चाहिए। जेफरीज ने खुद 4 ऐसे टॉप स्टॉक्स चुने हैं जो आगे चलकर निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दे सकते हैं!

जेफरीज ने अपनी हालिया एक रिपोर्ट में इंडस्ट्रियल सेक्टर की 4 कंपनियों को अपने टॉप पिक्स में शामिल किया है। ये स्टॉक्स हैं, सीमेंस लिमिटेड, थर्मैक्स लिमिटेड, लार्सन एंड टुब्रो (L&T) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL)।

जेफरीज की रिपोर्ट के मुताबिक, इन कंपनियों के शेयर अपने ऑलटाइम हाई के लेवल से करीब 15% से 45% तक टूट चुके हैं। L&T के शेयर अपने रिकॉर्ड हाई से 17% नीचे कारोबार कर रहे हैं। वहीं सीमेंस, थर्मेक्स और HAL के शेयरों में 39% से 45% तक की गिरावट आ चुकी है। जेफरीज का कहना है कि लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए यह गिरावट एक बड़ा मौका हो सकता है, क्योंकि इन कंपनियों का फंडामेंटल मजबूत है और कैपेक्स साइकिल (Capex Cycle) आगे चलकर इनकी ग्रोथ को सपोर्ट कर सकता है।

जेफरीज ने निवेशकों को याद दिलाया कि साल 2021 के बजट के बाद इन कंपनियों के शेयरों में 2 गुना से 8 गुना तक तेजी देखी गई थी। उस समय, केंद्र सरकार ने ₹4.1 लाख करोड़ का कैपिटल एक्सपेंडिचर (Capital Expenditure) बजट में आवंटित किया था, जो कि इससे पिछले वित्तीय वर्ष के ₹3.4 लाख करोड़ के मुकाबले 21% ज्यादा था।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें