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SIP शुरू करें और पाएं स्विगी के वाउचर्स, SEBI ने नहीं माना गैरकानूनी ऑफर, लेकिन यहां फंसा है पेच

SIP Offer: बाजार नियामक सेबी को इसमें कुछ गलत नहीं लगता कि कोई निवेश सलाहकार एसआईपी शुरू करने के लिए वाउचर्स दे। इससे जुड़ा सवाल तब खड़ा हुआ जब सेबी रजिस्टर्ड एक इंवेस्टमेंट एडवाइजर ने एसआईपी शुरू करने पर स्विगी वाउचर देने का ऑफर रखा है। अब सवाल उठता है कि सेबी की भूमिका फिर क्या है और क्या रजिस्टर्ड इंवेस्टमेंट एडवाइजर ऐसे अपना प्रचार कर सकते हैं?

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Feb 22, 2025 पर 1:04 PM
SIP शुरू करें और पाएं स्विगी के वाउचर्स, SEBI ने नहीं माना गैरकानूनी ऑफर, लेकिन यहां फंसा है पेच
SIP Offer: सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) शुरू करने के लिए फूड वाउचर का लालच देना बाजार नियामक सेबी की निगाह में गैरकानूनी नहीं है। ऐसा SEBI की प्रमुख माधबी पुरी बुच ने खुद कहा है।

SIP Offer: सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) शुरू करने के लिए फूड वाउचर का लालच देना बाजार नियामक सेबी की निगाह में गैरकानूनी नहीं है। ऐसा SEBI (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) की प्रमुख माधबी पुरी बुच ने खुद कहा है। यह सवाल तब खड़ा हुआ, जब सेबी के पास रजिस्टर्ड एक इंवेस्टमेंट एडवाइजर मल्टीपल वेल्थ मैनेजमेंट (Multipl Wealth Management) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व नाम Twitter) पर माइक्रो एसआईपी शुरू करने के लिए इंसेंटिव ऑफर किया। इस फर्म के मोबाइल ऐप में एक प्लान प्रमोट किया गया है जिसमें निवेशकों को ₹250-₹250 की सात एसआईपी शुरू करने पर स्विमी मनी (Swiggy Money) के रूप में कैशबेक का ऑफर पेश किया गया है। इसके अलावा ऐप का दावा है कि निवेशक एक खास ब्रांड के साथ खर्च करने के शॉर्ट टर्म के लक्ष्य के साथ एक एसआईपी शुरू कर सकते हैं, जो बाद में उनकी ओर से निवेश करेगा।

क्या कहना है SEBI प्रमुख का?

म्यूचुअल फंड्स बॉडी एसोएशिन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के एक इवेंट पर सेबी की प्रमुख माधबी पुरी बुच ने कहा कि इस प्रकार की मार्केटिंग स्कीम अवैध नहीं हैं। इसे लेकर पूछे गए सवाल पर बुच ने कहा कि निवेश से जुड़े प्रोडक्ट्स को कुछ नियमों का सख्ती से पालन करना होगा जैसे कि वे रिटर्न का गारंटी नहीं दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि निवेश अवधि के आखिरी में कितना पैसा मिलेगा, इसकी गारंटी कोई नहीं दे सकता है और अगर कोई ऐसा करता है तो यह वैध नहीं है। वहीं दूसरी तरफ उन्होंने यह भी कहा कि सेबी मार्केटिंग और सेल्स की स्ट्रैटजी में हस्तक्षेप नहीं करता है। उन्होंने एक उदाहरण भी दिया कि अगर कोई कार बेचने वाला एजेंट पहली ईएमआई माफ कर रहा है तो यह उसकी सेल्स स्ट्रैटेजी है।

सेबी प्रमुख ने कहा कि सेबी रिस्क को कम करने के लिए काम करता है। जैसे कि एसआईपी से जुड़ी इंसेंटिव को लेकर बात करें तो अगर निवेशक ने दो साल के भीतर एसआईपी बंद कर दी तो डिस्ट्रीब्यूटर्स को रिवार्ड नहीं मिलता है। जनवरी में जारी सेबी के कंसल्टेशन पेपर के मुताबिक एसआईपी लाने पर डिस्ट्रीब्यूटर्स को को 500 रुपये का इंसेंटिव मिलता है लेकिन यह तभी मिलता है, जब एसआईपी की 24 किश्तें आ जाएं।

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