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भारत में ओला नहीं, रैपिडो से मिल रहा असली कॉम्पिटीशन, Uber के सीईओ ने किया खुलासा

भारत के ऑनलाइन कैब/बाइक बुकिंग मार्केट में कॉम्पिटीशन की तस्वीर तेजी से बदल रही है। उबर (Uber) के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) दारा खोसरोशाही ने बताया कि उनकी कंपनी को भारत में सबसे बड़ा कॉम्पिटीशन ओला (Ola) से नहीं, बल्कि रैपिडो (Rapido) से मिल रहा है। खोसरोशाही ने यह बयान जीरोधा के को-फाउंडर निखिल कामत के पॉडकास्ट 'People by WTF' में बातचीत के दौरान दिया

Vikrant singhअपडेटेड Aug 23, 2025 पर 9:26 PM
भारत में ओला नहीं, रैपिडो से मिल रहा असली कॉम्पिटीशन, Uber के सीईओ ने किया खुलासा
रैपिडो ने साल 2015 में एक बाइक-टैक्सी एग्रीगेटर के तौर पर अपना कारोबार शुरू थी

भारत के ऑनलाइन कैब/बाइक बुकिंग मार्केट में कॉम्पिटीशन की तस्वीर तेजी से बदल रही है। उबर (Uber) के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) दारा खोसरोशाही ने बताया कि उनकी कंपनी को भारत में सबसे बड़ा कॉम्पिटीशन ओला (Ola) से नहीं, बल्कि रैपिडो (Rapido) से मिल रहा है। खोसरोशाही ने यह बयान जीरोधा के को-फाउंडर निखिल कामत के पॉडकास्ट 'People by WTF' में बातचीत के दौरान दिया। खोसरोशाही ने साफ शब्दों में कहा, “पहले हमारे लिए भारत में ओला सबसे बड़ा कॉम्पिटीशन था, लेकिन अब असली चुनौती रैपिडो दे रही है।”

बेंगलुरु मुख्यायल वाली रैपिडो ने साल 2015 में एक बाइक-टैक्सी एग्रीगेटर के तौर पर अपना कारोबार शुरू थी। लेकिन समय के साथ कंपनी ने अपनी सेवाओं का विस्तार किया और अब वह ऑटो-रिक्शा और कैब कैटेगरी में भी उतर चुकी है। Rapido का दावा है कि वह देश के 100 से अधिक शहरों में मौजूद है और हाल ही में मिली नई फंडिंग के सहारे कंपनी आक्रामक विस्तार की तैयारी कर रही है।

एक्सपर्ट्स का मानना है कि Rapido का दो और तीन पहिया सेवाओं पर फोकस ने उसे खासतौर पर प्राइस को लेकर संवेदनशील रहने वाले यात्रियों के बीच बड़ी लोकप्रियता दिलाई है। महामारी के बाद जब लोग किफायती विकल्पों की तलाश में थे, Rapido ने उसी खालीपन को भुनाया।

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