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Presstonic Engineering IPO Listing: पहले ही दिन निवेश डबल, 94% प्रीमियम पर लिस्टिंग के बाद शेयर भागे और ऊपर

Presstonic Engineering IPO Listing: मेट्रो रेल रोलिंग स्टॉक, मेट्रो रेल सिग्नलिंग और इंफ्रा प्रोडक्ट्स तैयार करने वाली प्रेसटॉनिक इंजीनियरिंग (Presstonic Engineering) के शेयरों की आज NSE के SME प्लेटफॉर्म पर एंट्री हुई। खुदरा निवेशकों के दम पर इसका आईपीओ 168 गुना से अधिक सब्सक्राइब हुआ था। आईपीओ के तहत सिर्फ नए शेयर जारी हुए हैं। जानिए इसके पैसों का इस्तेमाल कैसे होगा?

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Dec 18, 2023 पर 4:57 PM
Presstonic Engineering IPO Listing: पहले ही दिन निवेश डबल, 94% प्रीमियम पर लिस्टिंग के बाद शेयर भागे और ऊपर
Presstonic Engineering IPO Listing: प्रेसटॉनिक इंजीनियरिंग मेट्रो रेल रोलिंग स्टॉक, मेट्रो रेल सिग्नलिंग और इंफ्रा से जुड़े प्रोडक्ट्स तैयार करती है। आज इसके शेयरों की NSE SME पर एंट्री हुई है।

Presstonic Engineering IPO Listing: मेट्रो रेल रोलिंग स्टॉक, मेट्रो रेल सिग्नलिंग और इंफ्रा प्रोडक्ट्स तैयार करने वाली प्रेसटॉनिक इंजीनियरिंग (Presstonic Engineering) के शेयरों की आज NSE के SME प्लेटफॉर्म पर शानदार एंट्री हुई। खुदरा निवेशकों के दम पर इसके आईपीओ को निवेशकों का तगड़ा रिस्पांस मिला था और ओवरऑल 168 गुना से अधिक सब्सक्राइब हुआ था। आईपीओ के तहत 72 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए थे। आज NSE SME पर इसकी 140 रुपये के भाव पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को 94.44 फीसदी का लिस्टिंग गेन (Presstonic Engineering Listing Gain) मिला। लिस्टिंग के बाद भी तेजी थमी नहीं। उछलकर यह 147 रुपये (Presstonic Engineering Share Price) के अपर सर्किट पर पहुंच गया और इसी पर बंद भी हुआ यानी कि पहले दिन आईपीओ निवेशक 104 फीसदी मुनाफे में हैं।

Presstonic Engineering IPO को मिला था तगड़ा रिस्पांस

प्रेसटॉनिक इंजीनियरिंग का 23.30 करोड़ रुपये का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 11-13 दिसंबर के बीच खुला था। खुदरा निवेशकों के दम पर इस आईपीओ को निवेशकों का तगड़ा रिस्पांस मिला था। ओवरऑल यह आईपीओ 168.25 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित आधा हिस्सा 188.94 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 32,36,800 नए शेयर जारी हुए हैं। नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल अतिरिक्त प्लांट और मशीनरी की खरीदारी, कर्ज चुकाने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने, आम कॉरपोरेट उद्देश्यों और आईपीओ के पैसों को भरने में होगा।

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