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RBL Bank Shares: कमजोर तिमाही ने की शेयरों की करारी पिटाई, 14% से अधिक टूटकर आए एक साल के निचरे स्तर पर

RBL Bank Share Price: एक तरफ शुरुआती कारोबार में बैंकों के निफ्टी इंडेक्स Nifty Bank ने जोरदार छलांग लगाई थी लेकिन फिर बिकवाली के दबाव में यह फिसल गया। वहीं दूसरी प्राइवेट बैंकों के निफ्टी इंडेक्स में शामिल आरबीएल बैंक आज एक भी बार ग्रीन जोन में नहीं दिखा बल्कि यह और टूटता चला गया। इंट्रा-डे में यह 14 फीसदी से अधिक टूटकर एक साल के निचले स्तर पर आ गया

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Oct 21, 2024 पर 4:43 PM
RBL Bank Shares: कमजोर तिमाही ने की शेयरों की करारी पिटाई, 14% से अधिक टूटकर आए एक साल के निचरे स्तर पर
सितंबर तिमाही में RBL Bank का नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 24 फीसदी गिरकर 223 करोड़ रुपये पर आ गया। इसे क्रेडिट कार्ड और माइक्रोलेंडिंग बुक्स से जुड़ी चुनौतियों के चलते झटका लगा।

RBL Bank Share Price: एक तरफ शुरुआती कारोबार में बैंकों के निफ्टी इंडेक्स Nifty Bank ने जोरदार छलांग लगाई थी लेकिन फिर बिकवाली के दबाव में यह फिसल गया। वहीं दूसरी प्राइवेट बैंकों के निफ्टी इंडेक्स में शामिल आरबीएल बैंक आज एक भी बार ग्रीन जोन में नहीं दिखा बल्कि यह और टूटता चला गया। आज BSE पर यह 14.21 फीसदी की गिरावट के साथ 176.25 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। इंट्रा-डे में यह 14.77 फीसदी टूटकर 175.10 रुपये तक आ गया था जो इसके शेयरों के लिए एक साल का निचला स्तर है। इसके शेयरों में बिकवाली का यह दबाव सितंबर तिमाही के कमजोर नतीजे के चलते आया।

कैसी रही RBL Bank के लिए सितंबर तिमाही?

सितंबर तिमाही में आरबीएल बैंक का नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 24 फीसदी गिरकर 223 करोड़ रुपये पर आ गया। इसे क्रेडिट कार्ड और माइक्रोलेंडिंग बुक्स से जुड़ी चुनौतियों के चलते झटका लगा। हालांकि इसका ग्रॉस एनपीए 0.25 फीसदी गिरकर 2.88 फीसदी पर आ गया। एडवांसेज में 15 फीसदी की ग्रोथ के बावजूद बैंक का कोर नेट इंटेरेस्ट इनकम (NII) सिर्फ 9 फीसदी ही बढ़ा और यह 1615 करोड़ रुपये पर पहुंचा। इसी धीमी ग्रोथ की वजह एसेट क्वालिटी से जुड़ी चुनौतियां रहीं। बैंक का नेट इंटेरेस्ट मार्जिन सालाना आधार पर 5.54 फीसदी से गिरकर 5.04 फीसदी पर आ गया। एक बैंक अधिकारी ने कहा कि इसे 5.4-5.5 प्रतिशत की रेज में लौटने में नौ और महीने लग सकते हैं। हालांकि अदर इनकम 32 फीसदी बढ़कर ₹618 करोड़ पर पहुंच गई, जिससे इंटेरेस्ट इनकम की धीमी वृद्धि को एडजस्ट करने में मदद मिली।

एसेट क्वालिटी पर दबाव के चलते प्रोविजन तेजी से उछलकर ₹618 करोड़ पर पहुंच गया। मैनेजमेंट ने तीसरी तिमाही में क्रेडिट लागत में ऐसे ही रुझान के आसार दिखाए हैं। डिपॉजिट्स को लेकर बैंक की ग्रोथ 20 फीसदी रही और बैंक का कहना है कि इसका फोकस नॉन-बल्क और ग्रेन्यूर लायबिलिटीज को आकर्षित करने पर है। वहीं क्रेडिट कार्ड सेगमेंट में बैंक का कहना है कि अब इसका फोकस मौजूदा ग्राहकों से ही अधिक कारोबार हासिल करने का है, बजाय पोर्टफोलियो के विस्तार के।

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