Get App

इक्विटी डेरिवेटिव्स में OI का कैलकुलेशन नए तरीके से होगा, SEBI ने कहा-छोटे निवेशकों पर नहीं पड़ेगा असर

सेबी ने इक्विटी डेरिवेटिव में ओपन इंटरेस्ट के कैलकुलेशन के तरीके में बदलाव का प्लान बनाया है। उसने इस बारे में 24 फरवरी को एक कंसल्टेशन पेपर पेश किया। अभी ओपन इंटरेस्ट के कैलकुलेशन के लिए नोशनल वैल्यू का इस्तेमाल होता है। सेबी इसकी जगह फ्यूचर्स इक्विवैलेंट या डेल्टा-बेस्ड ओपन इंटरेस्ट कैलकुलेशन का इस्तेमाल करेगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 25, 2025 पर 3:06 PM
इक्विटी डेरिवेटिव्स में OI का कैलकुलेशन नए तरीके से होगा, SEBI ने कहा-छोटे निवेशकों पर नहीं पड़ेगा असर
ओपन इंटरेस्ट के कैलकुलेशन के लिए इस नए फॉर्मूला के इस्तेमाल से स्टॉक के बैन पीरियड में आने के मामले घटकर 27 फीसदी रह जाएंगे। यह 90 फीसदी की कमी होगी।

सेबी इक्विटी डेरिवेटिव्स में ओपन इंटरेस्ट (ओआई) के कैलकुलेशन का तरीका बदलने जा रहा है। मार्केट रेगुलेटर ने इस बारे में 24 फरवरी को एक कंसल्टेशन पेपर किया। इसमें कहा गया है कि अब शेयरों के ओपन इंटरेस्ट के कैलकुलेशन की तरीका बदल जाएगा। अभी ओपन इंटरेस्ट के कैलकुलेशन के लिए नोशनल वैल्यू का इस्तेमाल होता है। सेबी इसकी जगह फ्यूचर्स इक्विवैलेंट या डेल्टा-बेस्ड ओपन इंटरेस्ट कैलकुलेशन का इस्तेमाल करेगा।

अभी किस तरीके का इस्तेमाल होता है?

अभी हर ट्रेडर का ट्रेड एफएंडओ कॉन्ट्रैक्ट में जुड़ जाता है। इसके आधार पर ऑप्शंस स्पेस में ओपन इंटरेस्ट के कैलकुलेशन के लिए नोशनल वैल्यू का इस्तेमाल किया जाता है। ऑप्शंस की नोशनल वैल्यू के इस्तेमाल से मार्केट वाइड पोजीशन लिमिट (MWPL) जल्द 95 फीसदी के पार चली जाती है, जो किसी स्टॉक के F&O बैन की लिस्ट में आने के लिए तय लिमिट है। ऑप्शन स्ट्रॉइक प्राइस को नोशनल वैल्यू माना जाता है।

नया तरीका क्या होगा?

सब समाचार

+ और भी पढ़ें