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SEBI चेयरपर्सन ने कहा, गड़बड़ी वाले IPO ऐप्लिकेशन और फर्जी खातों की जांच कर रहा रेगुलेटर

मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) का कहना है कि म्यूल खातों और ज्यादा सब्सक्रिप्शन दिखाने के मकसद से IPO एप्लिकेशंस में गड़बड़ी करने के मामलों की भी जांच हो रही है। सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने बताया कि मार्केट रेगुलेटर ऐसे तीन मामलों की जांच कर रहा है। हालांकि, उन्होंने यह खुलासा नहीं किया कि जांच किस तरह की है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 19, 2024 पर 3:57 PM
SEBI चेयरपर्सन ने कहा, गड़बड़ी वाले IPO ऐप्लिकेशन और फर्जी खातों की जांच कर रहा रेगुलेटर
बुच ने इस बारे में विस्तार से बताया कि गड़बड़ी करने वाले आवेदनों को इस तरह से पेश करते हैं कि यह खारिज हो जाए।

मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) का कहना है कि म्यूल खातों (mule accounts)और ज्यादा सब्सक्रिप्शन दिखाने के मकसद से IPO एप्लिकेशंस में गड़बड़ी करने के मामलों की भी जांच हो रही है। सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने बताया कि मार्केट रेगुलेटर ऐसे तीन मामलों की जांच कर रहा है। हालांकि, उन्होंने यह खुलासा नहीं किया कि जांच किस तरह की है। इसके अलावा, बुच इस बारे में कोई भी ब्यौरा नहीं दिया कि मामले मेनबोर्ड IPO से जुड़े हैं या SME IPO से।

उन्होंने बताया, 'हमें इन गड़बड़ियों को देखकर दुख होता है। हम यह भी देख सकते हैं कि इस तरह की गड़बड़ियों में कुछ मर्चेंट बैंकर्स का नाम भी सामने आता है। हमें इसमें और आंकड़ों की जरूरत होगी।' बुच ने AIBI 2023-24 की सालाना कॉन्फ्रेंस के मौके पर यह बात कही।

SME से जुड़े IPOs के बारे में उनका कहना था, 'हकीकत यह है कि दोनों एक्सचेंजों में अलग-अलग बोर्ड है...रिटेल इनवेस्टर्स को यह समझने की जरूरत है कि मेनबोर्ड में शामिल कंपनियां कई मायनों में SME कंपनियों से अलग होती हैं।'

बुच के मुताबिक, 'अलग-अलग बोर्ड का मतलब यह है कि हम निवेशकों को इस बारे में जागरूक कर रहे हैं कि रिपोर्टिंग, कंप्लायंस और लिस्टिंग की जरूरतों अलग-अलग होती हैं, लिहाजा जोखिम भी बढ़ जाता है।'

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