अब दुनियाभर में उम्मीद बंधी है कि इंटरेस्ट रेट में कमी ज्यादा दूर नहीं है। हालांकि, फेडरल रिजर्व के चेयरमैन और उनकी टीम के दूसरे सदस्यों ने ऐसा नहीं कहा है। लेकिन, फाइनेंशियल मार्केट के इनवेस्टर्स को रेट में कमी होने की संभावना नजर आ रही है। इधर, इंडियन मार्केट की चिंता कुछ अलग है। इनवेस्टर्स इंटरेस्ट रेट को लेकर चिंतित नहीं है। यहां इनवेस्टर्स इस बात को लेकर उलझन में हैं कि उन्हें इंडिया की ग्रोथ स्टोरी पर दांव लगाना जारी रखना चाहिए या अगले साल लोकसभा चुनावों को देखते हुए थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए।