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इन सरकारी कंपनियों में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी अब भी 75% से ज्यादा, यहां देखें पूरी लिस्ट

मार्केट पार्टिसिपेंट्स का कहना है कि मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग नियम का पालन नहीं करने की वजह सिक्योरिटीज से जुड़ा एक नियम है, जिसमें कहा गया है कि सरकार सूचीबद्ध सरकारी कंपनियों को मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग नियम के पालन के लिए ज्यादा वक्त दे सकती है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 19, 2025 पर 6:32 PM
इन सरकारी कंपनियों में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी अब भी 75% से ज्यादा, यहां देखें पूरी लिस्ट
जुलाई 2024 में सरकार ने इन कंपनियों को नियम के पालन के लिए अतिरिक्त समय दिया था। यह दो साल का अतिरिक्त समय था, जो अगस्त 2026 में खत्म हो रहा है।

शेयर बाजार में सूचीबद्ध 20 फीसदी से ज्यादा सरकारी कंपनियों ने मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग के नियमों का पालन नहीं किया है। सेबी के नियम के मुताबिक, सूचीबद्ध होने के बाद कंपनी को तय समय के अंदर प्रमोटर्स शेयरहोल्डिंग को घटाकर 75 फीसदी से नीचे लाना जरूरी है। खास बात यह है कि इनमें कई ऐसी सरकारी कंपनियां शामिल हैं, जो कई दशक पहले लिस्ट हुई थी।

इस नियम की वजह से कंपनियां नियम के पालन में दिलचस्पी नहीं दिखाती हैं

मार्केट पार्टिसिपेंट्स का कहना है कि मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग नियम का पालन नहीं करने की वजह सिक्योरिटीज से जुड़ा एक नियम है, जिसमें कहा गया है कि सरकार सूचीबद्ध सरकारी कंपनियों को मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग नियम के पालन के लिए ज्यादा वक्त दे सकती है। 103 सरकारी कंपनियां शेयर बाजार में सूचीबद्ध हैं। इनमें से 20 फीसदी कंपनियां ऐसी हैं, जिनमें प्रमोटर शेयरहोल्डिंग 75 फीसदी से ज्यादा है।

इन कंपनियों में सरकार की हिस्सेदारी तय सीमा से काफी ज्यादा 

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