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दिग्गज निवेशक गोविंद पारिख बैंक और NBFC स्टॉक्स पर सावधानी बरतने की दे रहे सलाह, जानिए इसकी वजह

गोविंद पारिख ने कहा कि वह फाइनेंशियल स्टॉक्स में पॉजिशन घटाने के बारे में सोच रहे हैं। हम मार्केट पर Jio Financial का असर देखना चाहते हैं, क्योंकि Reliance Industries समूह की कंपनियों का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है कि वे जिस सेक्टर में जाती है, उसमें उथल-पुथल मचा देती हैं। टेलीकॉम इसका एक उदाहरण हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 17, 2023 पर 10:00 PM
दिग्गज निवेशक गोविंद पारिख बैंक और NBFC स्टॉक्स पर सावधानी बरतने की दे रहे सलाह, जानिए इसकी वजह
पारिख ने मैन्युफैक्चरिंग के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि कई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां इंडिया शिफ्ट हो रही हैं। दूसरे सेक्टर्स की तरह इस सेक्टर्स में भी निवेशकों को हाई वैल्यूएशंस देखने को मिल सकती है।

दिग्गज स्टॉक इनवेस्टर गोविंद पारिख (Govind Parikh) ने कहा कि फाइनेंशियल सर्विसेज फर्म खासकर बैंकों को लेकर वह सावधान हैं। उन्होंने बताया कि वह फाइनेंशियल स्टॉक्स में पॉजिशन घटाने के बारे में सोच रहे हैं। हम मार्केट पर Jio Financial का असर देखना चाहते हैं, क्योंकि Reliance Industries समूह की कंपनियों का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है कि वे जिस सेक्टर में जाती है, उसमें उथल-पुथल मचा देती हैं। टेलीकॉम इसका एक उदाहरण हैं। जियो फाइनेंशियल को लेकर पारिख का नजरियां दूसरे एनालिस्ट्स से अलग है। कई एनालिस्ट्स का मानना है कि NBFC सेक्टर में जियो फाइनेंशियल उथल-पुथल मचाने की कोशिश नहीं करेगी, क्योंकि लेंडिंग बिजनेस के डायनेमिक्स टेलीकॉम और रिटेल बिजनेस से काफी अलग हैं। RIL ने हाल में अपने फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस को डीमर्ज किया है। इसे जियो फाइनेंशइयल नाम दिया गया है। RIL ने इसे स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्ट कराया है।

बैंकिंग और एनबीएफसी सेक्टर पर जियो फाइनेंशियल का पड़ेगा असर

पारिख ने कहा, "अभी जियो वन टाइम बुक पर उपलब्ध है। यह दूसरे प्लेयर्स के मुकाबले काफी ज्यादा डिस्काउंट है। अगर वे सामान्य तरीके से चीजें करने का फैसला करते हैं तो यह गैप भर सकता है। लेकिन, अगर जियो फाइनेंशियल वही स्ट्रेटेजी अपनाती है, जैसा RIL ग्रुप ने टेलीकॉम सेक्टर में अपनाया था तो यह दूसरे प्लेयर्स के लिए खराब खबर होगी। जब मार्केट्स में बूम होता है तो फाइनेंशियल कंपनियों का प्रदर्शन अच्छा होता है। लेकिन, अभी फाइनेंशियल कंपनियों की वैल्यूएशंस सस्ती नहीं दिख रही है।"

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