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पतंजलि फूड के प्रमोटरों के शेयर हुए जब्त, जानें निवेशकों के लिए क्या है इसके मायने

Patanjali Foods FPO: पतंजलि फूड्स के प्रमोटर अपनी हिस्सेदारी बेचते हैं, तो उन्हें न्यूनतम 5.82 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की आवश्यकता होगी। मौजूदा बाजार भाव पर इस हिस्सेदारी की कीमत करीब 2,000 करोड़ रुपये है। इस हिस्सेदारी के लिए वे अधिक वैल्यूएशन की मांग कर सकते हैं, यह देखते हुए कि अक्टूबर के बाद से इसके शेयरों में तेज गिरावट आई है

Moneycontrol Newsअपडेटेड Mar 16, 2023 पर 7:40 PM
पतंजलि फूड के प्रमोटरों के शेयर हुए जब्त, जानें निवेशकों के लिए क्या है इसके मायने
अक्टूबर के अंत से पतंजलि फूड्स के शेयरों में अबतक 35 फीसदी की गिरावट आ चुकी है

- रवि अनंतनारायणन

पतंजलि फूड्स (Patanjali Foods) के खिलाफ स्टॉक एक्सचेजों की कार्रवाई को लेकर अगर बाबा रामदेव (Baba Ramdev) से उनकी राय पूछी जाती, तो वे शायद अपने खास अंदाज में जवाब देते और पूछते कि 'क्या हम कहीं भाग रहे हैं। या हम बस इस शर्तों का अनुपालन करने ही वाले थे कि तभी ये कार्रवाई हो गई। या फिर वे ऐसी दूसरी कंपनियों की ओर इशारा कर सकते थे, जिनकी पब्लिक शेयरहोल्डिंग कम है लेकिन उनपर ऐसी कार्रवाई नहीं हुई है (उदाहरण के लिए PSU को अक्सर विशेष छूट मिल जाती है)। हालांकि इस खबर के बाद बाजार ने जैसी प्रतिक्रिया दी, वो साफ बताता है कि इनवेस्टर्स इस मामले में क्या सोच रहे हैं।

स्टॉक एक्सचेजों ने न्यूनतम पब्लिक शेयरहोल्डिंग नियम का पालन न करने पर पतंजलि फूड्स के प्रमोटरों के शेयर जब्त कर दिए और उनके लेन-देन पर रोक लगा दी है। इस खबर के बाद दिन के कारोबार में पतंजलि फूड्स का शेयर 4.8 फीसदी गिर गया था।

रिजॉल्यूशन प्लान के तहत कैपिटल रिस्ट्रक्चरिंग के चलते शुरुआत में कंपनी की पब्लिक शेयरहोल्डिंग गिरकर 1.1 फीससदी पर आ गई थी। लेकिन बाद में कंपनी ने 650 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी को फॉलो-ऑन-पब्लिक ऑफर (FPO) के जरिए बेचकर पब्लिक शेयरहोल्डिंग को बढ़ाकर 19.18 फीसदी कर लिया। हालांकि नियमों के मुताबिक, शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनी को अपनी न्यूनतम पब्लिक शेयरहोल्डिंग को बढ़ाकर 25% तक ले जाना होता है। इस नियम को पूरा करने के लिए पतंजलि फूड्स के पास रिजॉल्यूशन प्लान की तारीख से 3 साल तक का समय था। रिजॉल्यूशन प्लान 19 दिसंबर 2019 को आया था।

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