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सस्ती होगी विदेशी इलेक्ट्रिक कारें? Tesla से बातचीत के बीच सरकार की नई ईवी पॉलिसी लाने की योजना

जल्द ही विदेशी गाड़ियों को खरीदना और सस्ता हो सकता है। केंद्र सरकार एक नई इलेक्ट्रिग वेईकल पॉलिसी (EV Policy) लाने की तैयारी कर रही है। इसमें उन कंपनियों को आयात पर टैक्स में थोड़ी राहत मिल सकती है जो यहीं देश में कुछ मैनुफैक्चरिंग के लिए प्रतिबद्धता दिखाते हैं। इससे जुड़ा प्रस्ताव एलॉन मस्क (Elon Musk) की ईवी कंपनी टेस्ला (Tesla) ने रखा था

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Aug 25, 2023 पर 4:54 PM
सस्ती होगी विदेशी इलेक्ट्रिक कारें? Tesla से बातचीत के बीच सरकार की नई ईवी पॉलिसी लाने की योजना
Tesla Entry in India: टेस्ला भारत में आने की कोशिशें कर रही है लेकिन इंपोर्ट ड्यूटी के चलते पटरी नहीं बैठ पा रही है।

जल्द ही विदेशी गाड़ियों को खरीदना और सस्ता हो सकता है। केंद्र सरकार एक नई इलेक्ट्रिग वेईकल पॉलिसी (EV Policy) लाने की तैयारी कर रही है। इसमें उन कंपनियों को आयात पर टैक्स में थोड़ी राहत मिल सकती है जो यहीं देश में कुछ मैनुफैक्चरिंग के लिए प्रतिबद्धता दिखाते हैं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को यह जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है। इससे जुड़ा प्रस्ताव एलॉन मस्क (Elon Musk) की ईवी कंपनी टेस्ला (Tesla) ने रखा था। यह कंपनी भारत में आने के लिए लगातार कोशिशें कर रही है। एक अधिकारी ने जानकारी दी कि टेस्ला के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है और सरकार दिलचस्पी दिखा रही है।

कितनी मिल सकती है राहत

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अगर गाड़ी कंपनियां भारत में मैनुफैक्चरिंग के लिए तैयार होती हैं तो नई ईवी पॉलिसी के तहत वे पूरी तरह विदेश में बनी ईवी यानी फुल्ली-बिल्ट ईवी का आयात भी यह 15 फीसदी तक का टैक्स चुकाकर भी ला सकती हैं। अभी 40 हजार डॉलर (करीब 33 लाख रुपये) से अधिक मूल्य वाली कारों को भारत लाने पर 100 फीसदी की दर से टैक्स देना होता है और बाकी कारों के लिए 70 फीसदी। सूत्र के मुताबिक इंपोर्ट टैक्स कम होने से टेस्ला सिर्फ यहां बनी कारें ही नहीं बल्कि अपनी पूरी की पूरी रेंज यानी विदेशों में बनी भी, यहां बेच सकेगी।

अभी इसे लेकर प्रक्रिया शुरुआती अवस्था में ही है और टैक्स रेट क्या होगा, इस पर आखिरी में ही तय होगा। सूत्र के मुताबिक सरकार इस दिशा में धीरे-धीरे ही आगे बढ़ रही है क्योंकि टैक्स में इस प्रकार की किसी कटौती से घरेलू कंपनियों जैसे कि टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा को झटका लग सकता है जो यहां इलेक्ट्रिक कारों में निवेश कर रही हैं।

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