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ChatGPT वाली कंपनी ने लॉन्च किया नया टूल 'Sora', शब्द पढ़कर बना देगी वीडियो, जानें कैसे कर सकते हैं इस्तेमाल

चैटजीपीटी (ChatGPT) लॉन्च कर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) की दुनिया में तहलका मचाने वाली कंपनी ओपनएआई (OpenAI) ने अब अपना एक और नया इनोवेशन 'सोरा (Sora)' लॉन्च किया है। यह एक एआई मॉडल है, जो टेक्स्ट को वीडियो में बदल देगा। माइक्रोसॉफ्ट के निवेश वाली OpenAI को उम्मीद है कि उसे सोरा के जरिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर काम करने वाली दूसरी कंपनियों से आगे रहने में मदद मिलेगी

Moneycontrol Newsअपडेटेड Feb 16, 2024 पर 4:29 PM
ChatGPT वाली कंपनी ने लॉन्च किया नया टूल 'Sora', शब्द पढ़कर बना देगी वीडियो, जानें कैसे कर सकते हैं इस्तेमाल
OpenAI का दावा है कि आगे चलकर यह मॉडल फिल्में भी बनाने की क्षमता रखता है

चैटजीपीटी (ChatGPT) लॉन्च कर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) की दुनिया में तहलका मचाने वाली कंपनी ओपनएआई (OpenAI) ने अब अपना एक और नया इनोवेशन 'सोरा (Sora)' लॉन्च किया है। यह एक एआई मॉडल है, जो टेक्स्ट को वीडियो में बदल देगा। माइक्रोसॉफ्ट के निवेश वाली OpenAI को उम्मीद है कि उसे सोरा के जरिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर काम करने वाली दूसरी कंपनियों से आगे रहने में मदद मिलेगी। तेजी से बदलते आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की दुनिया में अभी तक टेक्स्ट को प्रभावशाली वीडियो में बदलने वाला बड़ा प्लेटफॉर्म मौजूद नहीं था और वीडियो की बढ़ती मांग को देखते हुए यह टूल्स काफी लोकप्रिय हो सकता है। आइए इस टूल्स के बारे में सबकुल जानते हैं-

सोरा (Sora) क्या है?

सोरा एक जापानी शब्द है, जिसका मतबल आसमान होता है। यह टेक्स्ट को वीडियो में बदलने वाला मॉडल है। फिलहाल यह करीब 60 सेंकेंड या एक मिनट तक लंबी अवधि का वीडियो बना सकता है। OpenAI ने बताया, "सोरा बहुत ही डिटेल वाली दृश्यों, शानदार कैमरा मोशन और जीवंत भावनाओं वाले कई कैरेक्टर को दिखाते हुए 60 सेकंड तक के वीडियो बना सकता है।" कंपनी का दावा है कि नया मॉडल यूजर्स की ओर से दी गई तस्वीरों या मौजूदा फुटेज का इस्तेमाल करके भी रियलिस्टिक वीडियो बना सकता है।

आप इसे कैसे ट्राई कर सकते हैं?

इस नए AI मॉडल को ट्राई करने के लिए फिलहाल हममें से अधिकतर लोगों को थोड़ा इंतजार करना होगा। कंपनी ने भले ही 15 फरवरी को टेक्स्ट-टू-वीडियो मॉडल को लॉन्च करने का ऐलान कर दिया था, लेकिन यह अभी भी रेड-टीमिंग चरण में है। रेड टीमिंग एक चरण है जिसमें विशेषज्ञों की एक टीम (इसे रेड टीम के रूप में जाना जाता है) सिस्टम में कमजोरियों और कमजोरियों की पहचान करने के लिए रियल फीडबैक के इस्तेमाल को फॉलो करती है।

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