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East Asia Summit: 'दक्षिण चीन सागर में शांति...' पीएम मोदी ने लाओस से ड्रैगन को दे दी टेंशन!

East Asia Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय यात्रा के बाद लाओस से भारत के लिए रवाना हो गए हैं। इस यात्रा के दौरान उन्होंने 21वें ASEAN-भारत और 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लिया। उन्होंने दुनिया के कई राष्ट्र प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कीं। इस दौरान पीएम मोदी ने चीन पर निशाना साधा

Akhileshअपडेटेड Oct 11, 2024 पर 3:36 PM
East Asia Summit: 'दक्षिण चीन सागर में शांति...' पीएम मोदी ने लाओस से ड्रैगन को दे दी टेंशन!
East Asia Summit: पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि समस्याओं का समाधान युद्ध के मैदान से नहीं निकल सकता

19th East Asia Summit in Vientiane: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व के विभिन्न भागों में जारी संघर्षों का सबसे अधिक नकारात्मक प्रभाव 'ग्लोबल साउथ' के देशों पर पड़ने का उल्लेख करते हुए यूरेशिया और पश्चिम एशिया में शांति एवं स्थिरता की बहाली का आह्वान किया। पीएम मोदी ने लाओस की राजधानी वियनतियाने में शुक्रवार (11 अक्टूबर) को 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) को संबोधित करते हुए कहा कि समस्याओं का समाधान युद्ध के मैदान से नहीं निकल सकता। उन्होंने यह भी कहा कि स्वतंत्र, मुक्त, समावेशी, समृद्ध और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत पूरे क्षेत्र में शांति तथा प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है।

इस दौरान पीएम मोदी ने चीन पर हमला बोलते हुए कहा कि दक्षिण चीन सागर में शांति, सुरक्षा और स्थिरता पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र के हित में है। पीटीआई के मुताबिक, पीएम मोदी ने कहा, "हमारा मानना ​​है कि समुद्री गतिविधियां संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि (UNCLOS) के तहत संचालित की जानी चाहिए। नौवहन और वायु क्षेत्र की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना आवश्यक है। एक मजबूत और प्रभावी आचार संहिता बनाई जानी चाहिए। और इससे क्षेत्रीय देशों की विदेश नीति पर कोई अंकुश नहीं लगना चाहिए।"

उन्होंने कहा, "हमारा दृष्टिकोण विकासवाद का होना चाहिए, न कि विस्तारवाद का।" विश्व के विभिन्न भागों में चल रहे संघर्षों का सबसे अधिक नकारात्मक प्रभाव 'ग्लोबल साउथ' के देशों पर पड़ने का उल्लेख करते हुए PM मोदी ने कहा कि चाहे वह यूरेशिया हो या पश्चिम एशिया, हर कोई चाहता है कि यथाशीघ्र शांति और स्थिरता बहाल होनी चाहिए। उन्होंने कहा, "मैं बुद्ध की धरती से आता हूं और मैंने बार-बार कहा है कि यह युद्ध का युग नहीं है। समस्याओं का समाधान युद्ध के मैदान से नहीं निकल सकता।"

'अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान करना आवश्यक'

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