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दक्षिण कोरिया में महिलाएं बच्चे पैदा करने से बच रही हैं, अलग से मंत्रालय बनाने की तैयारी में सरकार

South Korea Birth Rate: दुनिया भर में जनसंख्या वृद्धि एक गंभीर समस्या है। लेकिन दक्षिण कोरिया ठीक इसके उल्टी समस्या से जूझ रहा है। देश की ज्यादातर महिलाएं बच्चे पैदा नहीं करना चाहती हैं। ऐसे में दक्षिण कोरिया में जन्म दर (Birth Rate) बेहद कम हो गया है। लिहाजा अब सरकार इस समस्या से निपटने के लिए अलग से मंत्रालय बनाने की तैयारी में है

MoneyControl Newsअपडेटेड May 11, 2024 पर 12:08 PM
दक्षिण कोरिया में महिलाएं बच्चे पैदा करने से बच रही हैं, अलग से मंत्रालय बनाने की तैयारी में सरकार
South Korea Birth Rate: दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने कहा है कि देश में कम जन्म दर ने आपातकाल की स्थिति पैदा कर दी है।

भारत में आबादी तेजी से बढ़ रही है। अब तो आबादी के मामले में भारत ने चीन को भी पछाड़ दिया है और टॉप पर जगह बना ली है। ऐसे में सरकार यहां आबादी को नियंत्रण में ले के लिए कई अभियान चला रही है। लेकिन एक देश ऐसा भी है, जो कम आबादी की समस्या से जूझ रहा है। दरअसल, पूर्वी एशियाई देश दक्षिण कोरिया (South Korea) कम जन्म दर (Birth Rate) की समस्या से जूझ रहा है। सरकार ने इसे आपात काल घोषित कर दिया है। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार अलग से मंत्रालय बनाने की तैयारी में है।

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने कहा कि वह निम्न जन्म दर से जुड़े मंत्रालय के गठन के लिए संसद से सहयोग मांगेंगे। योल ने कहा कि कम जन्म दर को ठीक करने के लिए वह देश की सभी क्षमताओं को जुटाएंगे। साउथ कोरियन प्रेसीडेंट योल साल 2022 में पद संभालने के दो साल पूरे होने पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात की जानकारी दी।

बढ़ती महंगाई और आर्थिक हालात के चलते नहीं पैदा कर रहे बच्चे

रिपोर्ट के मुताबिक ये नए मंत्रालय के मंत्री सामाजिक मामलों के उप मंत्री के रूप में काम करेंगे। एक साथ शिक्षा, श्रम और कल्याण नीतियों की निगरानी करेंगे। दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय एजेंसी के आंकड़े के मुताबिक दक्षिण कोरिया में साल 2023 में 229,970 जन्मदर का रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया। आंकड़ों के हिसाब से ये रिकॉर्ड 2024 में भी जारी रहेगा। इसकी वजह ये है कि इस साल के पहले महीने जनवरी में कुल 21,442 बच्चों का जन्म हुआ था। कम जन्म दर को लेकर रिपोर्ट बताती है कि यहां के लोग कठिन आर्थिक हालात और बढ़ती महंगाई के कारण बच्चे पैदा नहीं करना चाहते हैं।

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