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इंश्योरेंस कंपनियों के कमीशन के नियमों में बदलाव, ग्राहकों को फायदा या नुकसान?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि कमीशन के नए नियमों से इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स की पहुंच बढ़ाने में मदद मिलेगी। अभी बीमा उत्पादों की पहुंच आबादी के कुछ ही हिस्से तक है। सरकार और बीमा नियामक ऐसी पॉलिसी बनाने पर जोर दे रहे हैं, जिससे बीमा उत्पाद आम आदमी के दायरे में आ जाएं

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 05, 2023 पर 5:25 PM
इंश्योरेंस कंपनियों के कमीशन के नियमों में बदलाव, ग्राहकों को फायदा या नुकसान?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि कमीशन के नए नियम से प्रोडक्ट इनोवेशन को भी बढ़ावा मिलेगा।

इंश्योरेंस इंडस्ट्री में कमीशन के नियम बदल गए हैं। लाइप और जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को एजेंट्स, डिस्ट्रिब्यूटर बैंक और दूसरे इंटरमीडियरीज को कमीशन देने के लिए किसी खास सीमा का पालन नहीं करना होगा। यह नियम 1 अप्रैल से लागू हो गया है। शर्त यह है कि कमीशन का पूरा अमाउंट IRDAI की तरफ से तय टोटल एक्सपेंसेज ऑफ मैनेजमेंट (EoM) की लिमिट से ज्यादा नहीं होना चाहिए। इससे अब लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां अपने बोर्ड से एप्रूव्ड पॉलिसीज के हिसाब से कमीशन दे सकती हैं। यह पिछले साल नवंबर में पेश रेगुलेटर के प्रस्ताव के मुताबिक है। अगस्त 2022 के ड्राफ्ट में कमीशन के लिए 20 फीसदी सीमा तय करने के प्रस्ताव था। इसे नहीं माना गया है।

अभी क्या है नियम?

अभी कमीशन के लिए 35 फीसदी की सीमा है। हालांकि, बीमा कंपनियां इसके अलावा डिस्ट्रिब्यूटर्स को रिवॉर्ड्स देती हैं। नए नियम के मुताबिक डिस्ट्रिब्यूटर्स को दिए जाने वाले सभी कमीशन और रिवॉर्ड्स अब कमीशन के दायरे में आ जाएंगे। इंश्योरेंस इंडस्ट्री ने IRDAI के इस प्रस्ताव का स्वागत किया है। हालांकि, कुछ छोटी बीमा कंपनियों को आगे थोड़ी मुश्किल हो सकती है।

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