Get App

Business Idea: पलाश के फूलों से करें मोटी कमाई, दवा से लेकर होली के रंग में होता है इस्तेमाल

Business Idea: पलाश के फूल को कई क्षेत्रों में अलग-अलग नाम से पहचाना जाता है। इसे परसा, ढाक, टेसू, किशक, सुपका, ब्रह्मवृक्ष और फ्लेम ऑफ फोरेस्ट जैसे शब्दों से जाना जाता है। इसके बीज, फूल, पत्ते, छाल, जड़ और लकड़ी सभी बेहद काम के हैं। पलाश का आयुर्वेदिक चूर्ण और तेल भी काफी अच्छे दामों पर बिकते हैं

Jitendra Singhअपडेटेड Jan 28, 2023 पर 9:07 AM
Business Idea: पलाश के फूलों से करें मोटी कमाई, दवा से लेकर होली के रंग में होता है इस्तेमाल
पलाश उत्तर प्रदेश का राजकीय फूल भी है। इसके नाम से डाक टिकट भी जारी किया गया है

Business Idea: अगर आप खेती के जरिए बंपर कमाई करना चाहते हैं तो पलाश के फूलों की खेती (Palash Flower Cultivation) कर सकते हैं। यह फूल आपको जिंदगी भर के लिए मालामाल कर देगा। इसके इतने गुण हैं कि इसके बारे में बताने के लिए शब्द कम पड़ जाएंगे। यह फूल अपनी खूबसूरती के लिए पहचाना जाता है। पलाश के फूल को कई क्षेत्रों में अलग-अलग नाम से पहचाना जाता है। इसे परसा, ढाक, टेसू, किशक, सुपका, ब्रह्मवृक्ष और फ्लेम ऑफ फोरेस्ट जैसे शब्दों से जाना जाता है। इसे उत्तर प्रदेश का राजकीय फूल भी घोषित किया गया है।

होली के रंगों को बनाने के लिए इस फूल का खासा इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन पिछले कुछ सालों में इस फूल की खेती में तेजी से कमी आई है। वहीं दूसरी ओर किसान इस खेती से बढ़िया मुनाफा हासिल कर रहे हैं। यह फूल उत्तर प्रदेश के चित्रकूट, मानिकपुर, बाँदा, महोबा और मध्य प्रदेश से जुड़े बुंदेलखंड में पाया जाता है।

पलाश की खासियत

इसकी खेती झारखंड, दक्षिण भारत, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में होती है। इस फूल में कोई खूशबू नहीं होती। दुनियाभर में जैविक रंगों के लिए मशहूर इन फूलों की खेती झारखंड के अलावा दक्षिण भारत में भी हो रही है। आप चाहें तो प्रति एकड़ खेत में 50,000 रुपये की लागत से पलाश की बागवानी कर सकते हैं। जिसके बाद अगले 30 साल तक बंपर कमाई होगी। इसके बीज, फूल, पत्ते, छाल, जड़ और लकड़ी के अलावा पलाश का आयुर्वेदिक चूर्ण और तेल भी काफी अच्छे दामों पर बिकता है। इसके पौधे लगाने के बाद 3-4 साल में फूल आने लगते हैं।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें