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Gold monetization scheme : गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम बंद, बदलते हालात को देखते हुए लिया गया फैसला

Gold monetization : सरकार ने गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (GM) बंद कर दी है। बाजार के बदलते हालात को देखते हुए ये फैसला लिया गया है। स्कीम के प्रदर्शन को देखते हुए ये फैसला लिया गया है। बैंक छोटी अवधि के लिए स्कीम जारी रख सकते हैं। बैंक कमर्शियल फायदे के मुताबिक स्कीम जारी रख सकते हैं। नवंबर 2015 में इस स्कीम की शुरुआत हुई थी

MoneyControl Newsअपडेटेड Mar 26, 2025 पर 6:55 PM
Gold monetization scheme : गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम बंद, बदलते हालात को देखते हुए लिया गया फैसला
भारत में लोगों का सोने से भावनात्मक जुड़ाव होता है। सोने को विरासत में भी देने की एक प्रथा है। स्कीम में गहनों को पिघलाया जाता था। ज्यादातर लोग सोने को पिघलाने के पक्ष में नहीं हैं

Gold monetization : सरकार ने 10 साल पहले शुरू हुई गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम (Gold monetization scheme) को बंद कर दिया है। हालांकि, बैंक अपने हिसाब से छोटी अवधि के लिए इसे जारी रख सकते हैं। सरकार इस स्कीम को देश में डिजिटल गोल्ड को बढ़ावा देने और सोने के इंपोर्ट को कम करने के उद्धेश्य से लेकर आई थी। तो ऐसा क्या हुआ जो स्कीम को बंद करने की नौबत आ गई और सबसे बड़ा सवाल ये है कि गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में जिन लोगों ने पैसे लगा रखे हैं उन्हें उनका सोना कब, कैसे और किस रूप में मिलेगा। आइए जानते हैं।

बंद हो गई GM स्कीम

सरकार ने गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (GM) बंद कर दी है। बाजार के बदलते हालात को देखते हुए ये फैसला लिया गया है। स्कीम के प्रदर्शन को देखते हुए ये फैसला लिया गया है। बैंक छोटी अवधि के लिए स्कीम जारी रख सकते हैं। बैंक कमर्शियल फायदे के मुताबिक स्कीम जारी रख सकते हैं। नवंबर 2015 में इस स्कीम की शुरुआत हुई थी। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के साथ ही इसकी शुरुआत हुई थी। भारतीय घरों में करीब 30000 टन सोना मौजूद है।

क्यों नहीं चली GMS?

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