सरकार ने एसेसमेंट प्रोसेस को तेज करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। फाइनेंस बिल में ऐसे मामलों के एसेसमेंट प्रोसेस के कंसॉलिडेशन के लिए इनकम टैक्स एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव है जो कई सालों से चल रहे हैं। इससे टैक्सपेयर्स को आसानी होगी और वर्कफ्लो की रफ्तार तेज होगी। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने मनीकंट्रोल को इंटरव्यू में इस बारे में बताया है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में ऐसेसी को राहत देने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं जिनमें सर्चेज के बाद टैक्स चोरी की जांच की जाती है। अब ऐसे मामलों के छह साल के एसेसमेंट को क्लब कर दिया जाएगा। उसके बाद उनका निपटारा 12 महीनों में करना होगा। उसके बाद एसेसी को सिंगल डिमांड नोटिस भेजा जाएगा।