Get App

Income Tax: मैंने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश किया था, क्या मुझे कैपिटल गेंस को इनकम टैक्स रिटर्न में डिक्लेयर करना होगा?

SGB गोल्ड में निवेश के सबसे अच्छे ऑप्शंस में से एक है। इसमें निवेश पर इश्यू प्राइस पर सालाना 2.50 फीसदी इंटरेस्ट मिलता है। मैच्योरिटी अमाउंट को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस से छूट हासिल है। इनवेस्टमेंट 8 साल में मैच्योर हो जाता है। हालांकि, अगर कोई इनवेस्टर मैच्योरिटी से पहले पैसे निकालना चाहता है तो इसकी इजाजत है

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Sep 09, 2025 पर 4:54 PM
Income Tax: मैंने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश किया था, क्या मुझे कैपिटल गेंस को इनकम टैक्स रिटर्न में डिक्लेयर करना होगा?
SGB को एक्सचेंज के प्लेटफॉर्म के जरिए भी खरीदा और बेचा जा सकता है।

सोने में निवेश के लिहाज से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) अच्छा विकल्प रहा है। सरकार ने इसकी शुरुआत 2015 में की थी। इसमें निवेश 8 साल में मैच्योर हो जाता है। इसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स से छूट हासिल है। चंडीगढ़ के रहने वाले अमन शर्मा ने 2016-17 में एसजीबी में निवेश किया था। 2024-25 में उनका इनवेस्टमेंट मैच्योर कर गया। उनका सवाल है कि क्या इससे हुए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस को उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न में डिक्लेयर करना होगा? मनीकंट्रोल ने टैक्स एक्सपर्ट और चार्टर्ड अकाउंटेंट बलवंत जैन से यह सवाल पूछा।

जैन ने कहा कि SGB गोल्ड में निवेश के सबसे अच्छे ऑप्शंस में से एक है। इसमें निवेश पर इश्यू प्राइस पर सालाना 2.50 फीसदी इंटरेस्ट मिलता है। मैच्योरिटी अमाउंट को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस से छूट हासिल है। इनवेस्टमेंट 8 साल में मैच्योर हो जाता है। हालांकि, अगर कोई इनवेस्टर मैच्योरिटी से पहले पैसे निकालना चाहता है तो इसकी इजाजत है। पांच साल के बाद पैसे निकाले जा सकते हैं। रिडेम्प्शन के लिए सरेंडर किए गए सभी एसजीबी को कैपिटल गेंस से छूट हासिल है चाहे आपने इसे इश्यू में सब्सक्राइब किया है या सेकेंडरी मार्केट से खरीदा है।

उन्होंने कहा कि इनवेस्टर के एसजीबी को भुनाने (रिडेम्प्शन) को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 47(VIIIC) के तहत ट्रांसफर नहीं माना जाता है। कैपिटल गेंस के नियम तभी लागू होते हैं जब किसी कैपिटल एसेट का ट्रांसफर होता है। चूंकि रिडेम्प्शन को टैक्स के नियमों के तहत ट्रांसफर नहीं माना जाता है, जिससे इनवेस्टर को कैपिटल गेंस होने का सवाल पैदा नहीं होता है। लेकिन, अगर एसजीबी को स्टॉक एक्सचेंज के प्लेटफॉर्म के जरिए बेचा जाता है या इसे प्राइवेट रूप से ट्रांसफर किया जाता है तो इससे हुए प्रॉफिट को कैपिटल गेंस माना जाएगा। एक साल से पहले बेचने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस माना जाएगा और एक साल के बाद बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस माना जाएगा।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें