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क्या सेकेंडरी मार्केट में प्रीमियम पर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदना बेहतर आइडिया है?

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs)भारतीय निवेशकों के लिए गोल्ड में निवेश का बेहतर विकल्प बनकर सामने आया है। चूंकि अभी नए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी नहीं किए जा रहे हैं, लिहाजा सेकेंडरी मार्केट्स में चुनिंदा सीरीज की काफी मांग देखने को मिली है। इस वजह से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की यूनिट्स 5-10 पर्सेंट प्रीमियम पर ट्रेड कर रही हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 24, 2024 पर 9:01 PM
क्या सेकेंडरी मार्केट में प्रीमियम पर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदना बेहतर आइडिया है?
ज्यादातर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड रेफरेंस रेट से प्रीमियम पर कारोबार कर रहे हैं।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs)भारतीय निवेशकों के लिए गोल्ड में निवेश का बेहतर विकल्प बनकर सामने आया है। चूंकि अभी नए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी नहीं किए जा रहे हैं, लिहाजा सेकेंडरी मार्केट्स में चुनिंदा सीरीज की काफी मांग देखने को मिली है। इस वजह से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की यूनिट्स 5-10 पर्सेंट प्रीमियम पर ट्रेड कर रही हैं।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स सरकारी गोल्ड बॉन्ड होते हैं, जो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जारी करता है। अतिरिक्त कूपन रेट और मैच्योरिटी पर मिलने वाले छूट की वजह से यह बॉन्ड अन्य गोल्ड इनवेस्टमेंट प्रोडक्ट्स के मुकाबले ज्यादा लोकप्रिय है। कई छोटे निवेशक सेकेंडरी मार्केट्स से पुरानी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सीरीज खरीदने के लिए आकर्षित होते हैं। हालांकि, हकीकत यह है कि ऐसे ज्यादा सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स की एक्टिव ट्रेडिंग नहीं होती है। हम आपको यहां सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स खरीदने से जुड़ी संभावित नुकसान के बारे में बता रहे हैं।

रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2016 से वित्त वर्ष 2024 के दौरान 67 किस्तों में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी किया था। मनीकंट्रोल ने सबसे पहले खबर दी थी कि सरकार इस स्कीम का दायरा सीमित कर सकती है और इसे घटा सकती है, क्योंकि यह एक महंगा विकल्प साबित हो रहा है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड क्यों प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं?

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