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क्या आपका इनकम टैक्स 10,000 रुपये से ज्यादा बना है? जानिए कैसे करना होगा एडवान्स टैक्स का कैलकुलेशन

अगर किसी टैक्सपेयर की नेट टैक्स लायबिलिटी (टीडीएस/टीसीएस एडजस्ट करने के बाद ) एक फाइनेंशियल ईयर में 10,000 रुपये से ज्यादा बनती है तो उसे एडवान्स टैक्स चुकाना जरूरी है

Abhishek Anejaअपडेटेड Mar 11, 2023 पर 2:45 PM
क्या आपका इनकम टैक्स 10,000 रुपये से ज्यादा बना है? जानिए कैसे करना होगा एडवान्स टैक्स का कैलकुलेशन
एडवान्स टैक्स का मकसद यह है कि टैक्सपेयर फाइनेंशिल ईयर खत्म होने के बाद एकमुश्त अमाउंट चुकाने की जगह एडवान्स में टैक्स चुकाता रहे।

फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में अगर आपकी इनकम टैक्स लायबिलिटी 10,000 रुपये से ज्यादा है तो आपको 15 मार्च से पहले एडवान्स टैक्स (Advance Tax) चुकाना होगा। ऐसा नहीं करने पर आपको टैक्स पर इंट्रेस्ट भी देना पड़ेगा। सभी टैक्सपेयर्स चाहे सैलरीड हों या बिजनेस में, उन्हें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को एडवान्स में टैक्स चुकाना पड़ता है। इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत सभी टैक्सपेयर्स को 'Pay as you earn' कॉन्सेप्ट के हिसाब से एडवान्स टैक्स चुकाना पड़ता है। TDS/TCS को एडजस्ट करने के बाद अगर नेट टैक्स 10,000 रुपये से ज्यादा बनता है तो टैक्सपेयर के लिए एडवान्स टैक्स चुकाना जरूरी है।

इसे एक उदाहरण की मदद से आसानी से समझा जा सकता है। मान लीजिए A एक टैक्सपेयर है, जिसका एक फाइनेंशियल ईयर में कुल 25,000 रुपये का टैक्स बनता है। उसकी सैलरी, बिजनेस या इंटरेस्ट इनकम पर TDS कटा है। टोटल टीडीएस अमाउंट 15,050 रुपये है। तो उसकी नेट टैक्स लायबिलिटी 9950 रुपये होगी। इसलिए उसे एडवान्स टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा। दूसरी तरफ अगर TDS 14,950 रुपये है तो उसकी नेट टैक्स लायबिलिटी 10,050 रुपये हो जाती है। ऐसे में उसे एडवान्स टैक्स चुकाना होगा।

कैसा होता है एडवान्स टैक्स का कैलकुलेशन?

एडवान्स टैक्स का मकसद यह है कि टैक्सपेयर फाइनेंशिल ईयर खत्म होने के बाद एकमुश्त अमाउंट चुकाने की जगह एडवान्स में टैक्स चुका दे। इसके कैलकुलेशन के लिए मौजूदा ईयर में इनकम और उस पर टैक्स रेट का अनुमान लगाया जाता है। इसके बाद जो टैक्स बनता है, उसमें से TDS/TCS और MAT क्रेडिट को एडजस्ट किया जाता है। फिर आपकी नेट टैक्स लायबिलिटी का अमाउंट मिल जाता है।

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