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Living Will: क्या इज्जत के साथ मरने का अधिकार देने वाली लिविंग विल की प्रक्रिया आसान बनाई जानी चाहिए?

लिविंग विल (living will) एक ऐसा डॉक्युमेंट है जो किसी व्यक्ति को यह बताने का अधिकार देता है कि उसके लंबे समय तक बीमार रहने पर किस तरह के मेडिकल ट्रीटमेंट का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। एक तरह से यह व्यक्ति को इज्जत के साथ अंतिम सांस लेने का अधिकार देता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 29, 2025 पर 12:20 PM
Living Will: क्या इज्जत के साथ मरने का अधिकार देने वाली लिविंग विल की प्रक्रिया आसान बनाई जानी चाहिए?
इंडिया में 2018 में लिविंग विल को मान्यता मिली थी। पैसिव इच्छामृत्यु (passive euthanasia) को भी कानूनी दर्जा मिला था। लेकिन, इस पूरी प्रक्रिया में कई रुकावटें हैं।

मुंबई के केईएम हॉस्पिटल की रिटायर्ड डॉक्टर लोपा मेहता की लिविंग विल काफी चर्चा में है। उन्होंने इसमें लिखा है कि उन्हें आईसीयू में भर्ती नहीं कराया जाना चाहिए। मैकेनिकल वेंटिलेशन पर नहीं रखा जाना चाहिए। जबर्दस्ती जीवित बनाए रखने वाले तरीकों का इस्तेमाल उनके लिए नहीं किया जाना चाहिए। सवाल यह है कि क्या हमें यह तय करने का अधिकार है कि हम अपनी सांस किस तरह की स्थितियों में लें?

दुनियाभर में लिविंग विल को लेकर बहस

इस मसले पर सिर्फ इंडिया में बहस नहीं हो रही। अमेरिका में नैंनी क्रूजन का मामला तब काफी सुर्खियों में आया था, जब उनके परिवार ने एक कार एक्सिडेंट में गंभीर रूप से घायल होने और लंबे समय तक कोमा में रहने के बाद उनकी फीडिंग ट्यूब हटाने की इजाजत मांगी थी। यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। दुनिया में इस तरह के कई मामले हैं।

लिविंग का मतलब आखिर क्या है

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