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SEBI ने म्यूचुअल फंड और डीमैट अकाउंट में नॉमिशन के नियम बदले, जानिए इसका क्या असर पड़ेगा

सेबी ने 30 सितंबर को बोर्ड की बैठक में म्यूचुअल फंड्स और डीमैट अकाउंट्स में नॉमिनेशन के नियमों में बदलाव किए। पहले सिर्फ 3 लोगों को नॉमिनी बनाने की इजाजत थी। अब कोई निवेशक 10 तक नॉमिनी बना सकता है। नॉमिनी को अक्षम निवेशक (incapacitated Investors) की तरफ से फैसले लेने की इजाजत भी दी गई है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 01, 2024 पर 4:43 PM
SEBI ने म्यूचुअल फंड और डीमैट अकाउंट में नॉमिशन के नियम बदले, जानिए इसका क्या असर पड़ेगा
म्यूचुअल फंड के फोलियो में नॉमिनी का नाम जोड़ने या उसमें बदलाव करने के नियम अब आसान हो गए हैं। इसके लिए अब ज्वाइंट होल्डर्स के हस्ताक्षर की जरूरत नहीं पड़ेगी।

सेबी ने म्यूचुअल फंड्स और डीमैट अकाउंट्स के नॉमिनेशन के नियमों में बदलाव किए हैं। सेबी के बोर्ड की 30 सितंबर की बैठक में यह फैसला लिया गया। अब इनवेस्टर्स को म्यूचुअल फंड्स और डीमैंट अकाउंट्स में 10 तक नॉमिनी बनाने की इजाजत दी गई है। सवाल है कि क्या 10 नॉमिनी ज्यादा नहीं हैं? एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे चीजें जटिल हो सकती हैं। कुछ एक्सपर्ट्स इसे अव्यवहारिक बता रहे हैं। उनका मानना है कि इससे चीजें आसान की जगह मुश्किल हो सकती हैं।

ज्यादा नॉमिनी की वजह से दिक्कत पैदा हो सकती है

इनहेरिटेंस नीड्स सर्विसेज के फाउंडर रजत दत्ता ने कहा कि अगर एक या मान लीजिए 10 नॉमिनी इनवेस्टर की मौत के बाद वसीयत की शर्तों को लागू करने में सहयोग नहीं करते हैं तो इससे दिक्कत पैदा हो सकती है। सेबी ने यह भी कहा है कि एमएफ अकाउंट्स या डीमैट अकाउंट्स के नॉमिनी ट्रस्टी होंगे न कि आखिरी ओनर। हाल में एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह बात कही थी। सेबी के मुताबिक, मृतक के कानूनी वारिस को कोई कानूनी अधिकार नहीं मिलेगा।

अक्षम निवेशक की तरफ से नॉमिनी को फैसला लेने का अधिकार

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