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GST reforms : सिन गुड्स पर नुकसान की भरपाई तक लागू रहेगा कंपन्सेशन सेस, रिटेल कारोबारियों का नहीं होने देंगे नुकसान- CBIC चेयरमैन

GST reforms : CBIC चेयरमैन संजय कुमार ने कहा कि जीएसटी कटौती से त्योहारी सीजन में बेहतर खपत और ग्रोथ की उम्मीद है। 22 सितंबर से पुराने माल भी नए रेट पर होंगे। डीलर्स को पुराने माल सप्लाई पर ITC से भरपाई की जाएगी। पुराने माल सप्लाई पर ITC के जरिए भरपाई होगी

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 04, 2025 पर 1:53 PM
GST reforms : सिन गुड्स पर नुकसान की भरपाई तक लागू रहेगा कंपन्सेशन सेस, रिटेल कारोबारियों का नहीं होने देंगे नुकसान- CBIC चेयरमैन
CBIC चेयरमैन संजय कुमार ने कहा कि GST कटौती के इंतजार में खरीदारी टाली गई थी। जीएसटी कटौती से त्योहारी सीजन में बेहतर खपत और ग्रोथ की उम्मीद है

GST reforms : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल ने बुधवार को जीएसटी दरों में ऐतिहासिक कटौती की घोषणा की है। यह 1 जुलाई 2017 को भारत में जीएसटी लागू होने के बाद से सबसे बड़ा सुधार है। सरकार में इस सुधार के जरिए सर्विस से लेकर शिक्षा और रोजमर्रा इस्तेमाल में आने वाली वस्तुओं तक, भारतीय उपभोक्ताओं को दिवाली का बड़ा तोहफा दिया है। नई जीएसटी दरें नवरात्रि के पहले दिन 22 सितंबर से लागू होंगी।

इस मुद्दे पर बात करते हुए CBIC (Central Board of Indirect Taxes and Customs) चेयरमैन संजय कुमार ने कहा कि 22 सितंबर के बाद किसी भी वस्तु की सप्लाई पर नया GST लागू होगा। जीएसटी में ज्यादा स्लैब से GST वर्गीकरण में दिक्कतें आती थीं। फूड और ऑटोमोबाइल्स में वर्गीकरण की सबसे ज्यादा दिक्कत थी। GST बदलाव में रेट के अलावा कई बातों का ध्यान रखा गया है। GoM कमिटी ने सभी बातों की समीक्षा के बाद रिपोर्ट भेजी थी। 22 सितंबर से प्रोडक्ट्स पर नया GST लागू होगा।

उन्होंने आगे कहा कि GST कटौती के इंतजार में खरीदारी टाली गई थी। जीएसटी कटौती से त्योहारी सीजन में बेहतर खपत और ग्रोथ की उम्मीद है। 22 सितंबर से पुराने माल भी नए रेट पर होंगे। डीलर्स को पुराने माल सप्लाई पर ITC से भरपाई की जाएगी। पुराने माल सप्लाई पर ITC के जरिए भरपाई होगी।

इस बातचीत में संजय कुमार ने आगे कहा कि सिन गुड्स पर GST काउंसिल की सिफारिश मिली है। कंपन्सेशन सेस हटने से कंपनी को नुकसान नहीं होगा। लोकल सर्विस प्रोवाइडर के लिए पुराने प्रावधान ही रहेंगे। कंपन्सेशन सेस बरकरार रखने पर कलेक्शन में देरी हो सकती है। सिन गुड्स पर नुकसान की भरपाई तक कंपन्सेशन सेस लागू रहेगा। रिटेल कारोबारियों का नुकसान नहीं होने देंगे।

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