Get App

Paush Amavasya 2025: साल की आखिरी अमावस्या आज, जानें पौष अमावस्या के उपाय और जरूरी नियम

Paush Amavasya 2025: आज साल 2025 की आखिरी अमावस्या है। ये हिंदू कैलेंडर के 10वं महीने यानी पौष माह की अमावस्या है। इसमें पूजा और स्नान-दान का बहुत महत्व माना जाता है। हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित मानी जाती है। इस दिन पितृ तर्पण और दान का शुभ फल देता है।

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 19, 2025 पर 12:19 PM
Paush Amavasya 2025: साल की आखिरी अमावस्या आज, जानें पौष अमावस्या के उपाय और जरूरी नियम
हिंदू धर्म में अमावस्या की तिथि पितरों को समर्पित मानी जाती है।

Paush Amavasya 2025: हिंदू कैलेंडर में पौष का महीना बहुत पवित्र माना जाता है। ये हिंदू वर्ष का 10वां महीना है और इसकी अमावस्या तिथि पर पूजा, स्नान-दान और पितरों के तर्पण से शुभ फल प्राप्त होते हैं। यूं भी हिंदू धर्म में अमावस्या की तिथि पितरों को समर्पित मानी जाती है। इस तिथि के देवता भी पितरों को ही माना गया है। मत्स्य पुराण के अनुसार इस तिथि का नाम पितृगणों में 'अमावसु' पितर के नाम पर पड़ा है। यह तिथि श्राद्ध-तर्पण के लिए उत्तम मानी गई है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज के दिन पिंडदान या श्राद्ध करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और उन्हें शांति मिलती है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से पितृ दोष में भी राहत मिलती है। आइए जानें इस अमावस्या से जुड़े नियमों और उपायों के बारे में।

पौष अमावस्या पर क्या करें

हिंदू मान्यता के अनुसार किसी भी मास की अमावस्या तिथि पर स्नान और दान का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है। साल की आखिरी अमावस्या पर अगर किसी जल तीर्थ पर नहीं जा सकें तो अपने घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। अमावस्या पर काले तिल का दान करने पर पितरों का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। इससे पितृदोष से भी छुटकारा मिलता है। इसलिए आज पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए किसी जरूरतमंद व्यक्ति को काले तिल का दान अवश्य करें।

इसके अलावा, आज काले वस्त्र, काला छाता, काला कंबल, गुड़ आदि का दान करने से भी पुण्यफल प्राप्त होता है। लेकिन ध्यान रहे इस दान का महिमामंडन करने से बचें। यह दिन मंत्र साधना के लिए भी फलदायी माना जाता है। आज आप शिव, शनि और शक्ति की मंत्र साधना करते हुए उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। अमावस्या को शाम के समय पीपल के नीचे और अपने घर की दक्षिण दिशा में यम देवता के लिए सरसों के तेल का दीया जरूर जलाएं।

अमावस्या पर क्या न करें

सब समाचार

+ और भी पढ़ें