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Paush Amavasya 2025: साल आखिरी अमावस्या कल, इस विधि से करें पौष अमावस्या पर पितरों का तर्पण

Paush Amavasya 2025: हिंदू धर्म में पौष अमावस्या का विशेष महत्व है। इस साल की पौष अमावस्या साल की आखिरी अमावस्या है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार, इस दिन पितरों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और उनके आशीर्वाद से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 18, 2025 पर 7:33 PM
Paush Amavasya 2025: साल आखिरी अमावस्या कल, इस विधि से करें पौष अमावस्या पर पितरों का तर्पण
शास्त्रों के अनुसार पौष मास की अमावस्या पर किए गए दान का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है।

Paush Amavasya 2025: पौष अमावस्या को साल की सबसे पवित्र तिथियों में से एक माना जाता है। इस दिन पितृ के लिए स्नान और दान करने का बहुत महत्व है। यूं तो पूरे पौष माह में पितरों की पूजा करने का विधान है, क्योंकि इस माह का छोटा पितृ पक्ष भी कहते हैं। पौष अमावस्या साल की आखिरी अमावस्या है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पौष माह की अमावस्या जैसी विशेष तिथियों पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए दान करने से उनका आशीर्वाद मिलता है और पितृ प्रसन्न होते हैं। इस दिन स्नान, दान और श्राद्ध कर्म करने का शुभ फल सात जन्मों तक साथ निभाता है। पूर्वज अपने परिजनों के सत्कर्मों से प्रसन्न होकर उन्हें सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

पौष अमावस्या तारीख

पंचांग के अनुसार अमावस्या तिथि 19 दिसंबर, शुक्रवार को सुबह 4 बजकर 59 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 20 दिसंबर, शनिवार की सुबह 6 बजकर 13 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, दान और पितृ तर्पण जैसे सभी शुभ कार्य 19 दिसंबर को ही किया जाएगा।

पितरों का तर्पण कैसे करें?

  • इस दिन ब्रह्म मुहूर्त के समय नदी, सरोवर में स्नान करें।
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