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क्या है दरिया-ए-नूर की रहस्यमयी कहानी, जिसे कहते हैं कोहिनूर की बहन

इतिहास के पन्नों में छिपा एक ऐसा हीरा है, जिसकी असली तस्वीर आज तक किसी ने नहीं देखी। कहा जाता है कि यह कभी महाराजा रणजीत सिंह की शान था और कोहिनूर की ‘बहन’ कहलाता है। लेकिन सवाल अब भी वही है—क्या दरिया-ए-नूर सचमुच मौजूद है या सिर्फ कहानियों का हिस्सा

Edited By: Anchal Jhaअपडेटेड Sep 10, 2025 पर 4:06 PM
क्या है दरिया-ए-नूर की रहस्यमयी कहानी, जिसे कहते हैं कोहिनूर की बहन
दरिया-ए-नूर को लेकर सबसे बड़ा रहस्य है कि इसकी असली तस्वीर कभी सामने नहीं आई।

दुनिया का सबसे चर्चित हीरा कोहिनूर हमेशा सुर्खियों में रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसी कोहिनूर की एक ‘बहन’ भी है, जिसकी कहानी उतनी ही रहस्यमयी है? इसे कहते हैं दरिया-ए-नूर। यह सिर्फ एक हीरा नहीं, बल्कि इतिहास की परतों में छिपा एक ऐसा खजाना है, जिसके चारों ओर रहस्य, साजिश और किंवदंतियों का जाल बिछा हुआ है। सदियों पहले का ये हीरा कभी महाराजा रणजीत सिंह की शान था और कहा जाता है कि उन्होंने इसे गर्व से अपने हाथों में धारण किया था।

दिलचस्प बात ये है कि इस बेशकीमती हीरे की असली तस्वीर आज तक किसी ने नहीं देखी। लोगों के बीच बस इसके किस्से, दावे और विरोधाभास ही हैं। यही कारण है कि दरिया-ए-नूर को जानना, इतिहास के उस भूले हुए पन्ने को पलटने जैसा है, जहां हर बार एक नया रहस्य सामने आ जाता है।

बांग्लादेश की तिजोरी में कैद

रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये कीमती हीरा फिलहाल बांग्लादेश के सोनाली बैंक की तिजोरी में बंद है। खास बात ये है कि 1985 के बाद से ये तिजोरी आधिकारिक रूप से खोली ही नहीं गई। छह साल पहले इसके गायब होने की खबरें जरूर आई थीं, लेकिन सरकार और बैंक अधिकारियों ने हमेशा यही दावा किया कि ये अब भी वहीं सुरक्षित है।

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