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1 दीवार पर 4 लीटर पेंट करने को 233 मजदूर! मध्य प्रदेश के सरकारी बिल का गणित हुआ वायरल!

सकंडी गांव के स्कूल की दीवार पर 4 लीटर पेंट लगाने के लिए 168 मजदूर और 65 मिस्त्री, जबकि निपनिया के स्कूल की 10 खिड़कियों और 4 दरवाजों को रंगने के लिए 275 मजदूर और 150 मिस्त्री तैनात किए गए थे — कम से कम कागजों में तो ऐसा ही है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 05, 2025 पर 9:29 PM
1 दीवार पर 4 लीटर पेंट करने को 233 मजदूर! मध्य प्रदेश के सरकारी बिल का गणित हुआ वायरल!
मध्य प्रदेश के सरकारी बिल का गणित हुआ वायरल!

सरकारी स्कूल की दीवार पर सिर्फ चार लीटर पेंट लगाने के लिए 168 मजदूर और 65 राजमिस्त्री लगाए गए! जी हां, आप चौंकिए मत — ये कोई गणित का सवाल नहीं, मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में हुए एक वास्तविक और चौंकाने वाले घोटाले की कहानी है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए बिलों ने सरकारी तंत्र की पोल खोल दी है। ब्योहारी विधानसभा क्षेत्र से जुड़े एक सरकारी स्कूल में सिर्फ चार लीटर ऑइल पेंट लगाने पर ₹1.07 लाख खर्च दिखाया गया। वहीं, निपनिया गांव के एक अन्य स्कूल में 20 लीटर पेंट के नाम पर ₹2.30 लाख खर्च किए गए। लेकिन ये कहानी यहीं खत्म नहीं होती।

पेंटिंग से ज्यादा मेहनत बिलों पर!

सकंडी गांव के स्कूल की दीवार पर 4 लीटर पेंट लगाने के लिए 168 मजदूर और 65 मिस्त्री, जबकि निपनिया के स्कूल की 10 खिड़कियों और 4 दरवाजों को रंगने के लिए 275 मजदूर और 150 मिस्त्री तैनात किए गए थे — कम से कम कागजों में तो ऐसा ही है।

और असली 'कलाकारी' तो बिल बनाने और मंजूरी में दिखाई गई। निर्माण कार्य करने वाली "सुधाकर कंस्ट्रक्शन" नाम की कंपनी ने 5 मई 2025 को बिल बनाया, लेकिन उसे एक महीना पहले ही, 4 अप्रैल को ही स्कूल प्रिंसिपल से मंजूरी भी मिल गई थी। यही नहीं, जहां नियमों के अनुसार "काम से पहले और बाद की फोटो" देना जरूरी है, वहां बिना किसी फोटो के ही बिल पास कर दिए गए।

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