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Red Fort: कितने साल में बना था लाल किला? खर्च जानकर चौंक जाएंगे!

Red Fort Facts: हर साल 15 अगस्त को लाल किले से तिरंगा लहराना सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि आजादी, गर्व और देशभक्ति की भावना का प्रतीक है। लेकिन क्या आपने सोचा है कि ये किला आखिर क्यों इतना खास है? आइए जानते हैं इससे जुड़ी कुछ खास और दिलचस्प बातें, जो हर भारतीय को जाननी चाहिए

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 07, 2025 पर 1:57 PM
Red Fort: कितने साल में बना था लाल किला? खर्च जानकर चौंक जाएंगे!
Red Fort: साल 2007 में यूनेस्को ने लाल किले को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी।

हर साल 15 अगस्त को जब लाल किले की प्राचीर से तिरंगा लहराता है, तो हर भारतीय का दिल गर्व और जोश से भर उठता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये लाल किला आखिर क्यों इतना खास है? क्या है इसकी कहानी, कब बना, और क्यों इसे भारत की आजादी का प्रतीक माना जाता है? यह सिर्फ एक पुरानी इमारत नहीं, बल्कि हमारे इतिहास, संस्कृति और आजादी की पहचान है। दिल्ली के दिल में बसे इस किले को देखने हर साल लाखों लोग आते हैं, लेकिन इसकी असली अहमियत सिर्फ उसकी दीवारों या दरवाजों में नहीं

बल्कि उन यादों में है जो आजादी की लड़ाई से जुड़ी हैं। चलिए, जानने की कोशिश करते हैं कि ये लाल किला हमारे लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है और इससे जुड़ी कौन-कौन सी बातें हर भारतीय को जरूर जाननी चाहिए।

शाहजहां का सपना बना भारत की शान

मुगल सम्राट शाहजहां ने जब दिल्ली को अपनी राजधानी बनाने की ठानी, तो एक ऐसे किले की कल्पना की जो उसकी ताकत, भव्यता और संस्कृति का प्रतीक हो। 1638 में इस सपने की नींव रखी गई और लगभग 10 साल की मेहनत के बाद 1648 में ये भव्य किला बनकर तैयार हुआ। लाल बलुआ पत्थर से बनी इस इमारत को बनाने में उस वक्त लगभग 1 करोड़ रुपये का खर्च आया था जो उस समय के लिहाज से एक बहुत बड़ी रकम थी।

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