रात को जब हम पूरे दिन की थकान लेकर बिस्तर पर जाते हैं, तो उम्मीद होती है एक सुकून भरी नींद की। लेकिन तभी शुरू होता है असली ड्रामा – मच्छरों की एंट्री। जैसे ही आंखें बंद होती हैं, कान के पास वो भिनभिनाहट शुरू हो जाती है जो सीधे दिल-दिमाग को हिला देती है। फिर तो चाहे कितनी भी नींद आ रही हो, वो एक झटके में उड़न छू हो जाती है। लगता है जैसे बिस्तर नहीं, कोई रणभूमि है, जहां हर रात मच्छरों से युद्ध लड़ा जाता है। ये छोटे मगर खतरनाक मच्छर ना सिर्फ चैन छीनते हैं, बल्कि खून भी पी जाते हैं।