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Asim Munir: पाकिस्तान का 'सुपर बॉस' बनेंगे आसिम मुनीर! पूर्व जनरल जिया उल हक की राह पर पाकिस्तानी सेना प्रमुख

Asim Munir: शहबाज शरीफ सरकार ने एक संवैधानिक संशोधन पेश किया है। यह फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को पाकिस्तान के इतिहास का सबसे शक्तिशाली सेना प्रमुख बना देगा। 27वें संशोधन के वह बेहद शक्तिशाली हो जाएंगे। लोग अब उनकी तुलना पूर्व तानाशाह राष्ट्रपति जनरल जिया उल-हक से कर रहे हैं

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Nov 10, 2025 पर 5:55 PM
Asim Munir: पाकिस्तान का 'सुपर बॉस' बनेंगे आसिम मुनीर! पूर्व जनरल जिया उल हक की राह पर पाकिस्तानी सेना प्रमुख
Asim Munir: आसिम मुनीर को पाकिस्तान के इतिहास में सबसे दमनकारी तानाशाह बताया जा रहा है

पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर पर तीखा हमला बोलते हुए जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने उन्हें देश के इतिहास में सबसे दमनकारी तानाशाह करार दिया है। मुनीर के विरोधी माने जाने वाले 73 वर्षीय खान अगस्त 2023 से कई मामलों में जेल में हैं। दरअसल, पाकिस्तान में इस वक्त फील्ड मार्शल आसिम मुनीर सबसे ताकतवर बन चुके हैं। मुनीर की तुलना लोग पूर्व तानाशाह राष्ट्रपति जनरल जिया उल-हक से कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि पाकिस्तान में फील्ड मार्शल आसिम मुनीर भी क्या उन्हीं के नक्शे-कदम पर चल रहे हैं।

फील्ड मार्शल मुनीर ने हाल ही में अमेरिका और चीन का दौरा किया। उनका यह दौरा स्पष्ट संदेश देता है कि मुनीर केवल सेना प्रमुख नहीं हैं। बल्कि देश के वास्तविक राष्ट्राध्यक्ष, विदेश मंत्री, और आर्थिक रणनीतिकार भी हैं। आसिम मुनीर बीजिंग से लेकर वाशिंगटन तक इंटरनेशनल मंच पर अब पाकिस्तान का सबसे प्रमुख चेहरा बन गए हैं।

पहले विदेश नीति और कूटनीति का जिम्मा नागरिक नेताओं के पास होता था। लेकिन अब मुनीर नियमित रूप से विश्व की प्रमुख शक्तियों के राष्ट्राध्यक्षों और मंत्रियों से मिलते हैं। जून में वाशिंगटन में उन्हें राष्ट्रपति जैसा सम्मान मिला, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उनके लिए औपचारिक भोज आयोजित किया।

सेना प्रमुख बने सबसे ताकतवर

पाकिस्तान में सेना ने न्यायपालिका, अर्थव्यवस्था और विधायी प्रक्रिया पर नियंत्रण कर लिया है। 2023 में पंजाब और सिंध में हजारों एकड़ सरकारी जमीन को राष्ट्रीय विकास के नाम पर सैन्य अधिकारियों को दे दिया गया। इसके अलावा, आर्थिक संकट के बावजूद सेना के व्यापारिक संगठन जैसे फौजी फाउंडेशन, शाहीन फाउंडेशन, बह्रिया फाउंडेशन और आर्मी वेलफेयर ट्रस्ट बिना टैक्स या सरकारी निगरानी के फल-फूल रहे हैं। 2025 में रक्षा बजट में 20 फीसदी की वृद्धि की गई। जबकि स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे सामाजिक क्षेत्रों में भारी कटौती हुई।

यह सब कानूनी बदलावों और संवैधानिक हेरफेर के जरिए संभव हुआ। पाकिस्तान आर्मी एक्ट और ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट जैसे कानूनों में संशोधन कर विरोध को दबाया जा रहा है। 9 मई, 2023 के हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद सैकड़ों नागरिकों पर सैन्य अदालतों में मुकदमा चलाया गया।

पूरे पाकिस्तान पर मुनीर का कब्जा!

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