Get App

PoK Protest: पीओके में विरोध-प्रदर्शन तेज! पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी में 8 लोगों की मौत, कई घायल

PoK Protests: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में 'शटर डाउन' और 'चक्का जाम' हड़ताल के दौरान बुधवार (1 अक्टूबर) को बाग जिले के धीरकोट में चार लोगों की मौत हो गई। जबकि मुजफ्फराबाद और मीरपुर में दो-दो लोगों की मौत हो गई। इससे तीन दिनों में मरने वालों की कुल संख्या 10 हो गई है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 01, 2025 पर 9:00 PM
PoK Protest: पीओके में विरोध-प्रदर्शन तेज! पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी में 8 लोगों की मौत, कई घायल
PoK Protests: विरोध प्रदर्शन ने 72 घंटों में पीओके को पूरी तरह से ठप्प कर दिया है

PoK Protests: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ लगातार तीसरे दिन जारी हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच बुधवार (1 अक्टूबर) को आठ और नागरिकों की मौत हो गई। सूत्रों के अनुसार, 'शटर डाउन' और 'चक्का जाम' हड़ताल के दौरान बाग जिले के धीरकोट में चार लोगों की मौत हो गई। जबकि मुजफ्फराबाद और मीरपुर में दो-दो लोगों की मौत हो गई। इससे पहले मंगलवार को मुजफ्फराबाद में दो और मौतें हुईं थी। इससे तीन दिनों में मरने वालों की कुल संख्या 10 हो गई है

जम्मू-कश्मीर संयुक्त आवामी एक्शन कमेटी (JKJAAC) की अगुवाई वाले इन विरोध प्रदर्शनों ने पिछले 72 घंटों में पीओके को पूरी तरह से ठप्प कर दिया है। बाजार, दुकानें और स्थानीय व्यवसाय पूरी तरह से बंद हैं। परिवहन सेवाएं भी बंद हैं। इंटरनेट पर भी प्रतिबंध लग गया है।

बुधवार सुबह, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पत्थर फेंके और पुलों पर रखे बड़े शिपिंग कंटेनर गिरा दिए। इन्हें मुजफ्फराबाद की ओर उनके मार्च को रोकने के लिए रखा गया था। कंटेनर नीचे नदी में गिर गए। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दर्जनों प्रदर्शनकारी विरोध के तौर पर पुल से कंटेनर गिराते हुए दिखाई दिए। भारी सुरक्षा बल तैनात होने के बावजूद AAC का लंबा मार्च जारी है।

प्रदर्शनकारी समूह ने 38 मांगें की हैं। प्रदर्शनकारियों ने 38 सूत्री मांगपत्र पेश किया, जिसमें प्रमुख मांगें शरणार्थियों के लिए आरक्षित 12 सीटों की समाप्ति और अभिजात वर्ग के विशेषाधिकारों की वापसी शामिल हैं। पाकिस्तान के 'डॉन' अखबार की खबर के अनुसार, पीओके में रविवार दोपहर से मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं। संयुक्त सैन्य अस्पताल के एक अधिकारी के हवाले से खबर में कहा गया है कि प्रदर्शनों के दौरान गोली लगने से लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई।

यह विरोध-प्रदर्शन दो साल पहले क्षेत्र में आटे और बिजली की नियमित और रियायती आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए शुरू हुआ था। लेकिन अब इसमें अतिरिक्त मांगें भी जुड़ गई हैं। इसमें कश्मीरी वर्ग के विशेषाधिकारों में कटौती, आरक्षित विधानसभा सीटों का उन्मूलन जैसे पाकिस्तान में रहने वाले कश्मीरी शरणार्थियों के लिए पीओके में आरक्षित 12 विधानसभा सीटों को खत्म करना और मुफ्त शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाएं शामिल हैं।

JKJAAC का आरोप है कि इस बार का विरोध प्रदर्शन इसलिए किया जा रहा है क्योंकि सरकार दो साल पहले हुए समझौते को पूरी तरह से लागू करने में विफल रही है। अन्य मांगों में कई सड़क परियोजनाओं का निर्माण, टैक्स में राहत, आटे और बिजली पर सब्सिडी, शरणार्थियों के लिए नौकरी कोटा समाप्त करना, अदालतों में सुधार और अन्य स्थानीय मांगें शामिल हैं।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें