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Budget 2025: ईईपीसी इंडिया ने MSME के लिए इनकम टैक्स का 25% स्लैब शुरू करने की मांग की

EEPC ने कहा कि इस इनकम टैक्स स्लैब का फायदा उठाने के लिए यह शर्त होनी चाहिए कि एमएसएमई को इससे होने वाली 10 फीसदी बचत का दोबारा निवेश अपने बिजनेस में करना होगा। इससे MSME को बिजनेस के विस्तार या वर्किंग कैपिटल के लिए 10 फीसदी अतिरिक्त पैसा उपलब्ध होगा। इससे उनके लिए लिक्विडिटी बढ़ जाएगी

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 26, 2024 पर 6:28 PM
Budget 2025: ईईपीसी इंडिया ने MSME के लिए इनकम टैक्स का 25% स्लैब शुरू करने की मांग की
ईईपीसी इंडिया इंजीनियरिंग गुड्स एक्सपोर्ट करने वाली कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था है।

ईईपीसी इंडिया के प्रतिनिधियों ने 26 दिसंबर को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की। प्रतिनिधियों ने वित्तमंत्री को यूनियन बजट 2025 से अपनी उम्मीदों के बारे में बताया। ईईपीसी इंडिया इंजीनियरिंग गुड्स एक्सपोर्ट करने वाली कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था है। ईपीपीसी इंडिया ने एमएसएमई की ऐसी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स के लिए 25 फीसदी इनकम टैक्स स्लैब लागू करने की मांग की, जो पार्टनरशिप, एलएलपी या सोल प्रॉपरायटरशिप फर्म हैं।

25 फीसदी स्लैब के लिए यह शर्त होनी चाहिए

EEPC ने कहा कि इस इनकम टैक्स स्लैब का फायदा उठाने के लिए यह शर्त होनी चाहिए कि एमएसएमई को इससे होने वाली 10 फीसदी बचत का दोबारा निवेश अपने बिजनेस में करना होगा। ईईपीसी इंडिया ने कहा, "इससे MSME को बिजनेस के विस्तार या वर्किंग कैपिटल के लिए 10 फीसदी अतिरिक्त पैसा उपलब्ध होगा। इससे उनके लिए लिक्विडिटी बढ़ जाएगी। इससे रोजगार के मौके बढ़ाने में भी मदद मिलेगी, क्योंकि एमएसएमई इस पैसे का इस्तेमाल बिजनेस के विस्तार के लिए करेंगी।"

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