देश का वित्तीय या राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) वित्त वर्ष 2025-26 के पहले दो महीनों अप्रैल-मई के दौरान 13,163 करोड़ रुपये रहा। यह आंकड़ा पूरे वित्त वर्ष 2025-26 के बजट लक्ष्य 15.69 लाख करोड़ रुपये का सिर्फ 0.8 प्रतिशत है। एक साल पहले इसी अवधि में वित्तीय घाटा 50,600 करोड़ रुपये था। वित्तीय घाटे का आंकड़ा कंट्रोल जनरल ऑफ अकाउंट्स (CGA) ने जारी किया है।वित्तीय घाटा, सरकार के खर्च और रेवेन्यू के बीच का अंतर होता है। खर्च, रेवेन्यू से ज्यादा होने पर घाटे की और रेवेन्यू, खर्च से ज्यादा होने पर सरप्लस की स्थिति बनती है।
