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कैपेक्स बढ़ा, फिर भी मई में फिस्कल सरप्लस में भारत; RBI के 'महाडिविडेंड' ने सरकारी खजाना किया हरा

सरकार ने RBI और सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों से 2.56 लाख करोड़ रुपये के डिविडेंड की उम्मीद की थी। लेकिन इससे भी तगड़ा डिविडेंड तो अकेले RBI ने ही दे दिया। 30 जून को जारी आंकड़ों के मुताबिक, मई में सरकार का पूंजीगत खर्च पिछले वर्ष की तुलना में 39 प्रतिशत अधिक रहा

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Jun 30, 2025 पर 11:52 PM
कैपेक्स बढ़ा, फिर भी मई में फिस्कल सरप्लस में भारत; RBI के 'महाडिविडेंड' ने सरकारी खजाना किया हरा
वित्त वर्ष 2025—26 के पहले दो महीनों में अर्थव्यवस्था ने 13,163 करोड़ रुपये का फिस्कल सरप्लस दर्ज किया।

देश का वित्तीय या राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) वित्त वर्ष 2025-26 के पहले दो महीनों अप्रैल-मई के दौरान 13,163 करोड़ रुपये रहा। यह आंकड़ा पूरे वित्त वर्ष 2025-26 के बजट लक्ष्य 15.69 लाख करोड़ रुपये का सिर्फ 0.8 प्रतिशत है। एक साल पहले इसी अवधि में वित्तीय घाटा 50,600 करोड़ रुपये था। वित्तीय घाटे का आंकड़ा कंट्रोल जनरल ऑफ अकाउंट्स (CGA) ने जारी किया है।वित्तीय घाटा, सरकार के खर्च और रेवेन्यू के बीच का अंतर होता है। खर्च, रेवेन्यू से ज्यादा होने पर घाटे की और रेवेन्यू, खर्च से ज्यादा होने पर सरप्लस की स्थिति बनती है।

वित्तीय घाटे में अप्रैल-मई के दौरान कमी की अहम वजह है भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से सरकार के खजाने में आया अच्छा खासा पैसा। सरकार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए RBI से 2.69 लाख करोड़ रुपये के बंपर अमाउंट का डिविडेंड मिला है। यह नॉन टैक्स रेवेन्यू में काउंट होता है।

मई में 1.73 लाख करोड़ का सरप्लस

RBI के बंपर डिविडेंड की बदौलत भारत सरकार ने मई 2025 में 1.73 लाख करोड़ रुपये का फिस्कल सरप्लस दर्ज किया। इसने अप्रैल-मई 2025 के लिए राजकोषीय घाटे को घटाकर केवल 13,163 करोड़ रुपये या वित्त वर्ष 2026 के बजट अनुमान के 0.8 प्रतिशत पर ला दिया। वित्त वर्ष 2024-25 के पहले दो महीनों में वित्तीय घाटा बजट अनुमान का 3.1 प्रतिशत था। मई 2024 में फिस्कल सरप्लस 1.60 लाख करोड़ रुपये रहा था। मई 2025 में सरकार का रेवेन्यू 4.54 लाख करोड़ रुपये और खर्च 2.81 लाख करोड़ रुपये रहा।

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