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Rising North East Investors Summit 2025: 'आतंकवाद हो या नक्सलवाद हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे'; 'राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट' में बोले पीएम मोदी, पढ़ें- बड़ी बातें

Rising North East Investors Summit 2025: प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को 'राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट' को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को दुनिया का सबसे विविध देश कहा जाता है और हमारा नॉर्थ ईस्ट इस विविध राष्ट्र का सबसे विविध हिस्सा है। उन्होंने कहा कि नॉर्थ ईस्ट की विविधता इसकी बहुत बड़ी ताकत है। इसलिए नॉर्थ ईस्ट हमारे लिए अष्टलक्ष्मी है

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड May 23, 2025 पर 12:51 PM
Rising North East Investors Summit 2025: 'आतंकवाद हो या नक्सलवाद हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे'; 'राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट' में बोले पीएम मोदी, पढ़ें- बड़ी बातें
Rising North East Investors Summit 2025: पीएम मोदी ने कहा कि चाहे आतंकवाद हो या नक्सलवाद, हमारी सरकार की कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति है (फाइल फोटो)

Rising North East Investors Summit 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (23 मई) को नई दिल्ली के 'भारत मंडपम' में 'राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट' का शुभारंभ कर दिया है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर की विविधता इसकी सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा कि पूर्व हमारे लिए सिर्फ दिशा नहीं है, इसका मतलब है सशक्त बनाना, मजबूत बनाना और बदलाव लाना है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र अभूतपूर्व प्रगति देख रहा है। हम इसकी विकास गाथा को गति देने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।

उन्होंने कहा कि एक समय था जब पूर्वोत्तर को केवल सीमांत कहा जाता था, अब यह विकास में अग्रणी है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि चाहे आतंकवाद हो या नक्सलवाद, हमारी सरकार की कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर पहले बम, बंदूक और रॉकेट का पर्याय था जिन्होंने वहां के युवाओं से बहुत से अवसर छीन लिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दशक में पूर्वोत्तर में 10,000 से अधिक युवाओं ने हिंसा छोड़ दी है। उन्होंने कहा कि पिछले दशक में पूर्वोत्तर में शिक्षा क्षेत्र में 21,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि शिखर सम्मेलन का उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र को अवसरों की भूमि के रूप में पेश करना, वैश्विक और घरेलू निवेश को आकर्षित करना और प्रमुख हितधारकों, निवेशकों और नीति-निर्माताओं को एक मंच पर लाना है।

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